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केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद को मिला पद्मश्री सम्मान, चिकित्सा क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान की सराहना

ब्यूरो रिपोर्ट: जहीन खान, लखनऊ

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की कुलपति और विख्यात हिमैटोलॉजिस्ट डॉ. सोनिया नित्यानंद को भारत सरकार द्वारा "पद्मश्री" सम्मान से नवाज़ा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया।

यह गौरवशाली क्षण केवल डॉ. सोनिया ही नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा जगत और केजीएमयू परिवार के लिए गर्व का विषय बन गया है।

डॉ. सोनिया के पद्मश्री से सम्मानित होने के साथ एक भावनात्मक पहलू भी जुड़ा है—उनके पिता डॉ. नित्यानंद, जो सीडीआरआई (केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान) के प्रख्यात वैज्ञानिक रहे हैं और "गर्भनिरोधक दवा - सहेली" के जनक कहे जाते हैं, उन्हें भी पूर्व में पद्मश्री से नवाज़ा जा चुका है। अब पिता के बाद बेटी को यह सम्मान मिलना चिकित्सा क्षेत्र में उनके परिवार के योगदान की गवाही देता है।

डॉ. सोनिया नित्यानंद ने चिकित्सा के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक पहल की हैं। वर्ष 1991 में उन्होंने पीजीआई में उत्तर प्रदेश का पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर स्थापित किया था। बाद में उन्होंने लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और अब केजीएमयू में भी इस अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली की नींव रखी है। इससे आने वाले वर्षों में ब्लड कैंसर और ए-प्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों का सुलभ व उच्च स्तरीय इलाज संभव हो सकेगा।

उनके समर्पण, शोध और सेवा भावना ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. सोनिया का योगदान हमेशा प्रेरणादायी रहा है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे केजीएमयू परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई है। चिकित्सा क्षेत्र की इस नायिका को देश ने न केवल सम्मानित किया है, बल्कि एक नई पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना दिया है।

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