ब्यूरो रिपोर्ट: सत्यपाल सिंह, लखनऊ
लखनऊ की ऐतिहासिक विरासतों में शुमार काकोरी कस्बे का गुम्मा महल, जिसे लोग मुबारक महल के नाम से भी जानते हैं, अब इतिहास के पन्नों में दबता जा रहा है। कस्बे के चिलवलतला मोहल्ले में स्थित यह 200 वर्ष पुरानी इमारत अब दबंग ठेकेदारों की नजर में आ चुकी है, जो इसे ध्वस्त कर उसकी जगह प्लाटिंग कर रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह सब काकोरी नगर पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। खसरा संख्या 1635, रकबा 0.5060 में दर्ज यह भूमि सरकारी संपत्ति के रूप में तहसील अभिलेखों में दर्ज है। इसके बावजूद यहां निर्माण कार्य जारी है।
गौरतलब है कि पूर्व में उपजिला अधिकारी सदर नवीन चंद्रा ने इस निर्माण कार्य को रुकवाया था। परंतु अब दोबारा काम शुरू कर दिया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि भू-माफिया और जिम्मेदार अधिकारी मिलकर सरकारी धरोहर को मिटाने में जुटे हैं।
प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्यों प्रशासन ऐसे लोगों पर मेहरबान है? क्यों नहीं की जा रही कोई ठोस कार्रवाई? यदि इसी तरह से ऐतिहासिक विरासतें मिटाई जाती रहीं, तो आने वाली पीढ़ियों को इतिहास के नाम पर सिर्फ तस्वीरें ही दिखाई जा सकेंगी।
स्थिति को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है और वे प्रशासन से इस धरोहर को बचाने की मांग कर रहे हैं।
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