स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
उ०प्र० शासन, लखनऊ कृषि अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-706/2025/1740114/12-2099/156/2 दिनाँक 18 अगस्त, 2025 के अनुपालन में जनपद के कृषक भाइयों को सूचित किया जाता है कि बासमती चावल के कीटनाशी अवशेष मुक्त उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ावा देने हेतु 11 कीटनाशकों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
पिछले वर्षों में बासमती चावल में कीटनाशकों के अधिकतम अवशेष स्तर (MRL) के कड़े मानकों के कारण यूरोपीय संघ, अमेरिका एवं खाड़ी देशों में निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में निर्यात में लगभग 15% की कमी दर्ज की गई। इसी समस्या के समाधान हेतु राज्य शासन ने यह कदम उठाया है।
प्रतिबंध का दायरा
दिनांक 01 अगस्त 2025 से आगामी 60 दिनों तक निम्न कीटनाशकों की बिक्री, वितरण एवं प्रयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा
प्रतिबंधित कीटनाशक
1. ट्राइसाइकलाजोल
2. बुप्रोफजिन
3. एसीफेट
4. क्लोरपाइरीफास
5. टेबुकोनाजोल
6. प्रोपिकोनाजोल
7. थायोमेथाक्साम
8. प्रोफेनोफास
9. इमिडाक्लोप्रिड
10. कार्बेन्डाजिम
11. कार्बोफ्यूरॉन
निर्देश एवं सलाह
कृषक भाई बासमती चावल की फसल में केवल सुरक्षित एवं संस्तुत कीटनाशकों का ही प्रयोग करें।
प्रतिबंधित कीटनाशकों का प्रयोग करने पर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे किसानों की आय भी प्रभावित होगी।
कृषि विभाग समय-समय पर आवश्यक मार्गदर्शन एवं संस्तुत रसायनों की सूची उपलब्ध कराता रहेगा।
कृषकों से अपेक्षा की जाती है कि वे शासनादेश का अनुपालन करते हुए कीटनाशकों का प्रयोग वैज्ञानिक सलाह के अनुरूप ही करें।
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