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आयुर्वेद दिवस पर रेडक्रॉस की विचार गोष्ठी आयोजित


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

दसवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर रेडक्रॉस कार्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि पूर्व में आयुर्वेद दिवस भगवान धनवंतरि के सम्मान में धनतेरस पर मनाया जाता था, जिसकी तिथि हर वर्ष चन्द्र कैलेंडर के अनुसार बदलती थी।
भारत सरकार ने वर्ष 2025 से आयुर्वेद दिवस की तिथि निश्चित करते हुए 23 सितम्बर को घोषित किया है। यह दिन विशेष है क्योंकि इस तिथि को दिन और रात सम होते हैं, जो आयुर्वेद के त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन का प्रतीक माना जाता है।

🔹 गोष्ठी के प्रमुख बिंदु

  • आयुर्वेद को आयु का ज्ञान और जीवनशैली बताया गया, जो प्रकृति से प्राप्त है।
  • आयुर्वेद में 24 तत्व – पाँच महाभूत, पाँच तन्मात्राएँ, पाँच ज्ञानेन्द्रियां, पाँच कर्मेन्द्रियां और चार अंतःकरण – मानव शरीर व ब्रह्मांड के मूल तत्व माने जाते हैं।
  • ये तत्व मिलकर वात, पित्त और कफ जैसे त्रिदोष का निर्माण करते हैं, जो स्वास्थ्य निर्धारित करते हैं।
  • रेडक्रॉस सोसायटी ने मानव स्वास्थ्य के प्रति अपनी सक्रिय भूमिका पर जोर दिया।

🔹 प्रतिभागी

गोष्ठी में डॉ. विजय जौहरी, डॉ. हेमेन्द्र वर्मा, सभासद दिवाकर मिश्रा, अम्बरीष सक्सेना, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. ज़िया ख़ां, अग्रज जौहरी, अनुज जौहरी सहित रेडक्रॉस के कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

डॉ. विजय जौहरी
सचिव, रेडक्रॉस सोसायटी, शाहजहाँपुर

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