स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
लखनऊ – उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम) में आज जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्वाचक नामावली से जुड़े विधिक प्रावधान, ईआरओ नेट, बीएलओ ऐप, एनजीएसपी पोर्टल और विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण की पूरी प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र में 08 जिला निर्वाचन अधिकारी और 137 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने कहा कि “हर पात्र नागरिक का नाम निर्वाचक नामावली में दर्ज होना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने नामावली को त्रुटिरहित, पारदर्शी और समावेशी बनाने पर जोर देते हुए अधिकारियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 और मैनुअल ऑन इलेक्टोरल रोल 2023 के मुख्य प्रावधानों की जानकारी दी।
प्रशिक्षण में दावे-आपत्तियों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, ईआरओ नेट और बीएलओ ऐप के तकनीकी पक्ष, फील्ड अनुश्रवण तथा एनजीएसपी पोर्टल पर शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया समझाई गई। आगामी विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण में मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका पर भी चर्चा हुई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रशिक्षित ईआरओ अपने क्षेत्रों में बीएलओ और सुपरवाइजरों को छोटे समूहों में प्रशिक्षित करें ताकि हर स्तर पर प्रक्रिया की गुणवत्ता बनी रहे। साथ ही, लिंगानुपात असंतुलित मतदेय स्थलों की पहचान कर जागरूकता अभियान चलाने और 18–19 वर्ष के युवाओं को विशेष अभियान के जरिए मतदाता सूची में शामिल करने पर बल दिया गया।
उन्होंने मतदाताओं की सुविधा के लिए नए मतदान अनुभागों के गठन और पुराने (2003) तथा नए (2025) मतदाता डेटा के मैपिंग की प्रक्रिया पर भी निर्देश दिए। बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित, सहयोग, सत्यापन और बीएलओ ऐप पर अपलोड की कार्यप्रणाली बताई गई।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश (11 अगस्त 2023) के अनुरूप अपमार्जन (नाम हटाने) की प्रक्रिया अपनाने और सभी अभिलेख सुरक्षित रखने के भी निर्देश जारी किए गए।
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