स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
लखनऊ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार देश के 12 राज्यों में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) का द्वितीय चरण प्रारंभ किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। इस अभियान का उद्देश्य है कि राज्य के प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और मतदाता सूची को शुद्ध व समावेशी बनाया जा सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में इससे पहले वर्ष 2003 में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण किया गया था। लगभग 22 वर्ष बाद यह प्रक्रिया एक बार फिर शुरू की जा रही है। उत्तर प्रदेश में यह विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) से प्रारंभ होगा।
📅 अभियान की प्रमुख तिथियाँ
- 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर 2025: तैयारी, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण
- 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025: बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का वितरण व संकलन
- 09 दिसम्बर 2025: आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन
- 09 दिसम्बर 2025 से 08 जनवरी 2026: दावे व आपत्तियाँ दाखिल करने की अवधि
- 09 दिसम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026: नोटिस, सुनवाई, सत्यापन एवं निस्तारण की प्रक्रिया
- 07 फरवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के लिए प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) तथा बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने यह भी निर्देशित किया है कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, जिसके लिए सत्यापन और पुनर्गठन की प्रक्रिया इस दौरान की जाएगी।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाता, 1,62,486 मतदेय स्थल, 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री रिणवा ने प्रदेश के सभी राजनैतिक दलों एवं मतदाताओं से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय सहयोग दें ताकि लोकतंत्र के इस महापर्व में कोई भी नागरिक मताधिकार से वंचित न रह जाए।

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