ब्यूरो चीफ: योगेंद्र सिंह यादव, शाहजहांपुर
शाहजहांपुर, 31 मई 2025: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आज शाहजहांपुर में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए एक विशेष फोल्डर ‘नया सवेरा’ जारी किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न अधिकारियों और शिक्षकों ने बच्चों को नशे से दूर रहने तथा स्वस्थ जीवन अपनाने का संदेश दिया।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह सिनसिनवार ने ‘नया सवेरा’ फोल्डर को जारी करते हुए कहा कि दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन के कारण होती है। यह दिन तंबाकू और उससे जुड़ी बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक व फेफड़े की बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वर्ष 2025 की थीम “उज्जवल उत्पाद, काले इरादे – अपील का पर्दाफाश” रखी गई है, जो नशा उत्पादों के पीछे छिपी साजिशों को उजागर करने का प्रयास है।
परियोजना निदेशक श्री अवधेश राम ने बताया कि हर साल मुख कैंसर के कारण 1.80 लाख बच्चों की मौत हो जाती है, जो अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बचपन से ही नशे से दूर रखने की दिशा में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती दिव्या गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि बच्चे किशोरावस्था में गलत संगति में आकर नशे की ओर आकर्षित हो जाते हैं। परिवार और मित्रों का प्रभाव सबसे अधिक होता है, इसलिए यह आवश्यक है कि अभिभावक और शिक्षक बच्चों की दिनचर्या, संगति और व्यवहार पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा – “बच्चे दिनभर किसके साथ रहते हैं, उनका आने-जाने का समय क्या है – इन बातों पर नजर रखना आज के समय की जरूरत है।”
फोल्डर तैयार करने वाले शिक्षक डॉ. अरुण कुमार गुप्ता (एसआरजी) ने बताया कि यह फोल्डर प्रत्येक विद्यालय में वितरित किया जाएगा, जिससे शिक्षकों और अभिभावकों को यह जानकारी मिलेगी कि –
- मादक पदार्थों के प्रकार कौन-कौन से हैं
- इनका सेवन करने के कारण क्या हैं
- शारीरिक व सामाजिक दुष्प्रभाव क्या हैं
- बच्चों की किन गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए
- नशे से दूर रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं
- शिक्षक और अभिभावकों की भूमिका क्या हो सकती है
उन्होंने कहा कि यह फोल्डर किशोरों को एक अच्छे जीवन की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
कार्यक्रम में एसआरजी श्री अश्वनी कुमार अवस्थी सहित कई शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
यह पहल न केवल जागरूकता का सशक्त माध्यम बनी, बल्कि यह भी दिखाया कि नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और समाज मिलकर कितना प्रभावी कदम उठा सकते हैं।
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