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फर्जी केस में मजदूर के बेटे को फंसाने का आरोप, भाकियू (राष्ट्र-शक्ति) ने निष्पक्ष जांच की मांग की

ब्यूरो चीफ: योगेंद्र सिंह यादव

सीतापुर। भारतीय किसान यूनियन (राष्ट्र-शक्ति) ने एक ज्ञापन के माध्यम से मिश्रिख थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमे में निर्दोष व्यक्ति को फंसाने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मामले में न्याय नहीं मिला तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

ज्ञापन के अनुसार, थाना मिश्रिख में दर्ज प्राथमिकी संख्या 0060 दिनांक 11 मार्च 2025 में पार्थिनी रानी पत्नी राजाराम द्वारा कई लोगों को नामजद किया गया था। इनमें से कुछ आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि कुछ अभी फरार हैं। यूनियन का आरोप है कि इन्हीं फरार अभियुक्तों को बचाने के लिए थाना पुलिस और एक स्थानीय नेता की मिलीभगत से उमेश पुत्र मुंशीलाल, जो कि बेहद गरीब और ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है, को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है।

पीड़ित की माता फूलकुमारी, जो स्वयं भी ईंट भट्ठे पर मजदूरी करती हैं, ने यूनियन कार्यालय पहुंचकर बेटे को निर्दोष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुकी हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

फूलकुमारी का यह भी आरोप है कि इलाके के एक जिला पंचायत सदस्य ने मुकदमे में नामजद एक अभियुक्त के नाम पर करोड़ों की दलितों की जमीन खरीद रखी है। यदि आरोपी जेल चला गया तो नेताजी को आर्थिक नुकसान होगा, इसीलिए निर्दोष को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह यादव ने ज्ञापन में प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोष को न्याय दिलाया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी निर्दोष को जबरन फंसाया गया तो संगठन बड़ा आंदोलन करेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।



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