स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
• जिला गंगा समिति, वन विभाग और जीआईजेड के सहयोग से चला अभियान
• युवाओं और ग्रामवासियों की 5 टोलियों ने किया श्रमदान
• विभिन्न प्रकार के कचरे का किया गया पृथक्करण और संग्रह
• ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत हुआ पौधरोपण
शाहजहांपुर/लखीमपुर खीरी।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विकास खंड कलान के गंगा ग्राम पंचायत मोहनपुर कलुआपुर में एक विशेष स्वच्छता और कचरा प्रबंधन अभियान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रभागीय वनाधिकारी एवं जिला गंगा समिति के सचिव नवीन खंडेलवाल के निर्देशन में संपन्न हुआ। आयोजन में राज्य स्वच्छ गंगा मिशन उत्तर प्रदेश, जिला गंगा समिति, वन विभाग तथा जीआईजेड (GIZ) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पंकज यादव द्वारा स्वच्छता नारे के साथ किया गया। इस अवसर पर जीआईजेड के तकनीकी सलाहकार अविरल सक्सेना ने उपस्थित युवाओं और ग्रामवासियों से संवाद करते हुए स्वच्छता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कचरा प्रबंधन को जिला गंगा योजना का एक अहम हिस्सा बताते हुए बताया कि किस प्रकार विभिन्न प्रकार के कचरे का पृथक्करण कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सकता है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को पांच अलग-अलग टोलियों में बाँटा, जिन्हें विभिन्न श्रेणियों के कचरे — प्लास्टिक आइटम, टेट्रा पैक, मिक्स कूड़ा, एमएलपी (मल्टी लेयर्ड प्लास्टिक) और गत्ता — को अलग-अलग एकत्रित करने का कार्य सौंपा गया। इस अभियान में कुल 3.2 किग्रा प्लास्टिक, 1.2 किग्रा टेट्रा पैक, 6.2 किग्रा मिक्स कूड़ा, 3.8 किग्रा एमएलपी और 4 किग्रा गत्ते का संग्रहण किया गया।
डीपीओ जिला गंगा समिति डॉ. विनय कुमार सक्सेना ने वर्ष 2025 की थीम पर चर्चा करते हुए कूड़े को ‘धन’ की संज्ञा दी और कहा कि प्लास्टिक कचरा पर्यावरण और मानव जीवन दोनों के लिए अत्यंत घातक है। उन्होंने युवाओं को जिम्मेदारीपूर्वक पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर वन दरोगा सत्यपाल सिंह के नेतृत्व में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण भी कराया गया तथा उसके संरक्षण की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम में एलआरपी राजेश सक्सेना और एडवोकेट नितीश यादव ने सभी को स्वच्छता के प्रति सजग रहने की अपील की। अभियान को सफल बनाने में वन रक्षक ब्रज मोहन तिवारी, हिमांशु सक्सेना, आशीष यादव, काव्यांश, प्रदीप, कौशल, अन्य स्वच्छता ग्राही और सम्मानित ग्रामवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
यह अभियान न केवल पर्यावरण दिवस की भावना को साकार करता है, बल्कि यह ग्रामीण स्तर पर जनभागीदारी से पर्यावरण संरक्षण का एक प्रेरणादायी उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
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