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घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम की गवाह बनी गेरूवा नदी की स्वच्छ जलधारा "एक पेड़ माँ के नाम" लगाने की आमजन से की गई अपील

संवाददाता: जहीन खान

बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य की जीवनदायिनी गेरूवा नदी गुरुवार को एक विशेष आयोजन की साक्षी बनी, जब पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (भारत सरकार) के कैबिनेट मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश के राज्यमंत्री श्री के.पी. मलिक, सांसद डॉ. आनंद कुमार गोंड, महानिदेशक वन श्री सुशील कुमार अवस्थी, अपर महानिदेशक (वन्यजीव) श्री रमेश कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री सुनील चौधरी सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री भूपेंद्र यादव ने गेरूवा नदी में नौका विहार के दौरान एक वर्षीय घड़ियाल शावकों को नदी की स्वच्छ जलधारा में छोड़कर संरक्षण कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वन और वन्यजीव हमारे प्राकृतिक धरोहर हैं और इनका संरक्षण पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

श्री यादव ने इस अवसर पर आमजन से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनें और "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत एक पौधा अवश्य लगाएं। उन्होंने कहा कि यह अभियान पर्यावरण के साथ भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है, और इससे नई पीढ़ी को प्रकृति के प्रति जागरूक करने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम के दौरान गेरूवा नदी के किनारे स्वच्छता और जैव विविधता संरक्षण के संदर्भ में भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि कतर्नियाघाट क्षेत्र घड़ियालों सहित कई दुर्लभ वन्यजीवों का प्राकृतिक आश्रय स्थल है और यहां निरंतर संरक्षण प्रयास किए जा रहे हैं।

इस भव्य आयोजन से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि सरकार व पर्यावरण से जुड़ी संस्थाएं जैव विविधता और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं, और आमजन की सहभागिता से यह प्रयास और भी सफल हो सकता है।

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