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डॉक्टर अंबर खान ने एमआरसीओजी परीक्षा पास कर रचा इतिहास, बनीं जिले की पहली महिला विशेषज्ञ

संवाददाता: जहीन खान ✍️ 

जौनपुर की धरती एक बार फिर गर्वित हुई जब शहर की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ. अंबर खान ने कठिन परिश्रम और अथक लगन के बल पर एमआरसीओजी (MRCOG) जैसी प्रतिष्ठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। वे जौनपुर जिले की पहली महिला चिकित्सक बनी हैं जिन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एमआरसीओजी, अर्थात “मेंबर ऑफ रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गाइनेकोलॉजिस्ट्स” लंदन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञता की दुनिया की सबसे कठिन और सम्मानजनक परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है और प्रत्येक चरण में सफलता प्राप्त करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है। डॉ. अंबर खान ने न केवल इस चुनौती को स्वीकारा बल्कि सफलता के साथ पार कर पूरे जिले को गौरवान्वित किया।

डॉ. अंबर खान शहर के पॉलीटेक्निक चौराहा स्थित जीएचके हॉस्पिटल की प्रमुख हैं। उनकी सफलता की खबर मिलते ही परिजनों, मित्रों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। अस्पताल और चिकित्सा समुदाय में भी उत्सव जैसा माहौल है। उन्हें जौनपुर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और अन्य चिकित्सा संगठनों द्वारा सम्मानित किए जाने की तैयारियाँ की जा रही हैं।

डॉ. अंबर खान की शिक्षा-दीक्षा की शुरुआत जौनपुर से ही हुई थी। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य किया और आज वे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ बन चुकी हैं। अब वे वैश्विक मानकों के अनुरूप स्त्री एवं प्रसूति रोगों की चिकित्सा सेवा देने में सक्षम होंगी।

इस सफलता के पीछे उनके अपने संकल्प और मेहनत के साथ-साथ उनके पति और जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. सैफ हुसैन खान का भी महत्वपूर्ण योगदान बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि डॉ. अंबर की सफलता उनके जीवनसाथी के निरंतर समर्थन और प्रेरणा के बिना अधूरी होती।

डॉ. अंबर खान की यह उपलब्धि खासतौर पर महिलाओं और मेडिकल क्षेत्र में कैरियर बना रही बेटियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि यदि सच्चे मन से परिश्रम किया जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

जिले में डॉ. अंबर खान की सफलता को एक ऐतिहासिक उपलब्धि और गौरव की बात के रूप में देखा जा रहा है। उनके योगदान और मेहनत ने न केवल चिकित्सा जगत को समृद्ध किया है, बल्कि समाज को एक नई दिशा और प्रेरणा भी दी है।

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