ब्यूरो रिपोर्ट: जहीन खान ✍️
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग स्टाफ के पदनामों में बड़ा बदलाव करते हुए स्टाफ नर्स को अब 'नर्सिंग अधिकारी' तथा नर्सिंग सिस्टर/वार्ड मास्टर को 'सीनियर नर्सिंग अधिकारी' के रूप में संबोधित करने का निर्णय लिया है। यह फैसला केंद्र सरकार की समरूपता नीति के तहत लिया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि राजकीय नर्सेज संघ द्वारा पदनाम परिवर्तन को लेकर पूर्व में ज्ञापन सौंपा गया था, जिस पर अब शासन स्तर से अमल किया गया है।
बदले जाएंगे ये पदनाम:
- स्टाफ नर्स → नर्सिंग अधिकारी
- नर्सिंग सिस्टर / वार्ड मास्टर → सीनियर नर्सिंग अधिकारी
हालांकि, सहायक नर्सिंग अधीक्षक, उप नर्सिंग अधीक्षक, नर्सिंग अधीक्षक एवं मुख्य नर्सिंग अधिकारी के पदनामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
भर्ती की पात्रता:
डिप्टी सीएम ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी पद पर भर्ती के लिए दो प्रकार की योग्यता तय की गई है:
- नर्सिंग में बीएससी (ऑनर्स) के बाद 6 माह का अनुभव, अथवा
- डिप्लोमा कोर्स के बाद कम से कम 50 बेड वाले अस्पताल में ढाई वर्ष का अनुभव।
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि नर्सिंग संवर्ग के विभिन्न पदों पर 1 जनवरी 2026 से अनुमन्य पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स लेवल यथावत रहेगा।
इस निर्णय को लेकर नर्सिंग समुदाय में खुशी और संतोष का माहौल है और इसे लंबे समय से चली आ रही मांग की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
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