स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर में बच्चों और किशोरों के बौद्धिक एवं रचनात्मक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। जिले की 161 ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालयों (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) की स्थापना हेतु मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित वीसी कक्ष में जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रस्तावित पुस्तकालयों की स्थापना हेतु फर्नीचर जैसे कुर्सियां, अलमारियां, रैक, बुक शेल्फ आदि की क्रय प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाए। उन्होंने कहा कि सभी खरीदारी पारदर्शिता, गुणवत्ता एवं निर्धारित नियमों के तहत होनी चाहिए, जिससे पुस्तकालयों का उद्देश्य सार्थक हो सके।
स्थानीय संस्कृति से जोड़ने पर जोर
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुस्तक चयन के दौरान स्थानीय इतिहास, साहित्य, संस्कृति एवं बाल विकास से संबंधित क्षेत्रीय लेखकों की पुस्तकों को प्राथमिकता दी जाए। इसका उद्देश्य बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना और उन्हें समावेशी व प्रेरक अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तकालयों की स्थापना केवल औपचारिकता न होकर, इन्हें ग्राम स्तर पर समर्पित अध्ययन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए, जिससे ये बालकों व किशोरों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें।
भवनों की स्थिति का सत्यापन अनिवार्य
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि पुस्तकालयों की स्थापना से पहले प्रत्येक चयनित पंचायत भवन की अवस्थिति, संरचनात्मक स्थिति व मूलभूत सुविधाओं का गहन निरीक्षण कर लिया जाए।
अधिकारियों ने रखे सुझाव
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एवं जिला पंचायत राज अधिकारी अरविंद कुमार, वरिष्ठ कोषाधिकारी अमरेश बहादुर पाल, जिला विद्यालय निरीक्षक हरिवंश कुमार, तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिव्या गुप्ता सहित अन्य समिति सदस्य उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागीय अनुभव के आधार पर आवश्यक सुझाव एवं कार्ययोजनाएं प्रस्तुत कीं।
प्रशासन की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक अवसरों को डिजिटल रूप से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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