– पीड़ित से 27 लाख रुपये की धोखाधड़ी, वीडियो कॉल पर CBI अधिकारी बनकर डराया
स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर। साइबर क्राइम पर प्रभावी नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत साइबर थाना, एसओजी व सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में "डिजिटल अरेस्ट" और "फिनटेक साइबर फ्रॉड" जैसे अत्याधुनिक अपराधों में लिप्त एक शातिर अभियुक्त मुकुल चौहान पुत्र योगेन्द्र सिंह निवासी जनपद अमरोहा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह गिरफ्तारी 11 जुलाई 2025 को थाना रोजा क्षेत्र अंतर्गत बरनई तिराहा, हाइवे किनारे से की गई, जहां वह बस के इंतजार में खड़ा था।
❖ घटनाक्रम की पूरी जानकारी:
दिनांक 04 जुलाई 2025 को वादी अरुण कुमार अवस्थी से खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से धमकाया गया। वादी को मनी लॉन्ड्रिंग व अन्य अपराधों में फंसाने की धमकी देकर 27,09,985 रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। इस सिलसिले में साइबर थाना पर एफआईआर संख्या 16/2025 दर्ज की गई, जिसमें BNS की धारा 318(4), 319(2), 204, 351(3), 66C, 66D IT ACT सहित अन्य धाराएं जोड़ी गईं।
❖ अपराध की तकनीक (Modus Operandi):
- डिजिटल अरेस्ट: पीड़ित को व्हाट्सएप कॉल पर CBI, ED, या जज बनकर डराना, फर्जी पहचान पत्र दिखाना, और "डिजिटल गिरफ्तारी" के नाम पर उसे मानसिक रूप से झकझोर कर पैसे वसूलना।
- फिनटेक फ्रॉड: फर्जी लोन ऐप्स, QR कोड, फिशिंग लिंक, यूपीआई ट्रिक और कॉर्पोरेट अकाउंट के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में मनी ट्रांसफर करना।
अभियुक्त ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह घटना में डिजिटल अरेस्ट टीम का हिस्सा था और क्राइम के बाद पैसे को कॉर्पोरेट करेंट अकाउंट में डालकर Cash Management System के ज़रिए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर अंत में क्रिप्टो वॉलेट (जैसे Binance) में भेज देता था।
❖ बरामदगी:
- 01 मोबाइल फोन (VIVO कंपनी का)
- ₹210 नकद
❖ गिरफ्तारी करने वाली टीम:
- प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार शुक्ला, साइबर क्राइम थाना
- उपनिरीक्षक लोकेन्द्र सिंह
- कॉन्स्टेबल केशव पाल
- कॉन्स्टेबल पुष्पेन्द्र कुमार
- एसओजी प्रभारी व टीम
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के सख्त निर्देश पर साइबर अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारी और पीड़ितों की धनवापसी की दिशा में विशेष कार्रवाई की जा रही है।
जागरूक रहें – सतर्क रहें – साइबर ठगी से बचें
यदि आप साइबर क्राइम के शिकार होते हैं, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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