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साइबर ठगों की कमर तोड़ी: डिजिटल अरेस्ट और फिनटेक फ्रॉड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर में साइबर क्राइम के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान को बड़ी सफलता मिली है। साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित एसआईटी टीम ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो डिजिटल अरेस्ट और फिनटेक साइबर फ्रॉड जैसे नए तरीकों से करोड़ों की ठगी कर चुका था।

इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के निर्देशन में साइबर थाना, एसओजी और सर्विलांस टीम की संयुक्त प्रयास से अंजाम दिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त राजा सेन उर्फ रियो (निवासी ऐशबाग कॉलोनी, भोपाल) को दिउरिया मोड़ थाना रोजा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।

ठगी की गई राशि:
पीड़ित शरदचंद्र के दो खातों से कुल ₹1.04 करोड़ की ठगी की गई थी।

क्या है “डिजिटल अरेस्ट”?

यह कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि साइबर ठगों द्वारा गढ़ी गई तकनीक है। इसमें अपराधी खुद को पुलिस या कोर्ट अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल के जरिए डराते हैं कि वह किसी अपराध में फंस गया है और अब उसकी “डिजिटल गिरफ्तारी” हो रही है। इसके बाद पीड़ित से धनराशि ट्रांसफर करवा ली जाती है।

प्रमुख तरीके:

  • फर्जी पहचान पत्र व लोगो दिखाकर विश्वास में लेना
  • मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स के आरोप में फंसाने की धमकी
  • घर से न निकलने का दबाव डालना
  • लोन लेने या पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर करना

क्या है फिनटेक साइबर फ्रॉड?

यह एक आधुनिक डिजिटल धोखाधड़ी है, जिसमें UPI, मोबाइल वॉलेट, लोन ऐप्स आदि का दुरुपयोग कर वित्तीय हेरफेर की जाती है।

प्रमुख रूप:

  • फिशिंग: नकली SMS/ईमेल से OTP/UPI पिन चुराना
  • लोन ऐप फ्रॉड: नकली ऐप के ज़रिए डाटा चोरी और ब्लैकमेल
  • मालवेयर अटैक: लिंक/ऐप के ज़रिए डेटा चोरी
  • KYC कॉल फ्रॉड: खुद को बैंक अधिकारी बताकर जानकारी लेना

ठगी का तरीका (Modus Operandi):

  • पहले पीड़ित को वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट किया गया
  • फिर उसे फर्जी अधिकारियों के नाम पर 4 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर किया गया
  • यह रकम 09 लेयर में 40 खातों के जरिए गुज़ारी गई
  • अंत में रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर Binance वॉलेट में भेज दिया गया

गिरफ्तार अभियुक्त की भूमिका:

राजा सेन ने बताया कि वह केवल दसवीं पास है और टेलीग्राम ग्रुप्स में सक्रिय रहता है, जहां वह अपने साथियों से मिले हाई लिमिट कॉर्पोरेट अकाउंट्स को साझा करता था। इसके बदले उसे USDT (क्रिप्टोकरेंसी) के रूप में कमीशन मिलता था।

बरामद सामान:

  • iPhone 16 Pro Max, Samsung मोबाइल
  • 2 ATM कार्ड, 4 सिम कार्ड
  • ₹2150 नकद
  • 1 पैनकार्ड

गिरफ्तारी करने वाली टीम:

  1. प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार शुक्ला – साइबर क्राइम थाना
  2. कांस्टेबल पुष्पेंद्र कुमार
  3. एसओजी टीम प्रभारी
  4. सर्विलांस सेल प्रभारी

शाहजहांपुर पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर अपराधियों के विरुद्ध अभियान अब तेज हो चुका है और आने वाले समय में इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी भी संभव है। मामले में अंतरराष्ट्रीय लिंक (हॉगकांग, सिंगापुर) की जांच भी जारी है।

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