स्टेट ब्यूरो हेड : योगेन्द्र सिंह यादव✍️
जनपद शाहजहाँपुर में लगातार नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। गंगा और रामगंगा सहित कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास पहुँच गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
नदी गेज स्थिति
गंगा नदी (कछला घाट) – जलस्तर 162.550 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से महज़ 70 सेमी नीचे है।
रामगंगा नदी (डबरी घाट) – जलस्तर 137.480 मीटर पर पहुँच गया है, जो खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही है।
रामगंगा नदी (चौबारी पाट) – जलस्तर 160.890 मीटर, खतरे के निशान के नज़दीक।
गर्रा नदी (अजीजगंज पुल) – 147.250 मीटर पर स्थिर।
लोधीपुर पुल – जलस्तर 144.050 मीटर पर स्थिर।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि रामगंगा नदी का जलस्तर डबरी घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, अतः निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शीघ्र सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पानी छोड़ने से असर
नरौरा बैराज (गंगा नदी) से 1,39,602 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसका असर शाहजहाँपुर के कलान क्षेत्र में लगभग 36 घंटे बाद दिखाई देगा।
कछला घाट से छोड़ा गया पानी शाहजहाँपुर के कलान क्षेत्र को लगभग 18 घंटे बाद प्रभावित करेगा।
रामगंगा नदी (चौबारी घाट) से निकला पल्ड 28 घंटे बाद जलालाबाद और कलान क्षेत्र को प्रभावित करेगा।
खखरा नदी (पीलीभीत) से आने वाला पानी 62 घंटे बाद शाहजहाँपुर को प्रभावित करेगा।
दियूनी बैराज (पीलीभीत) से छोड़ा गया पानी गर्रा नदी के रास्ते शाहजहाँपुर के तिलहर, ददरौल और शहरी क्षेत्रों को 75 घंटे बाद प्रभावित करेगा।
जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण दलों को सतर्क कर दिया है। निचले स्थानों पर रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचने के लिए कहा गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर चौकसी बढ़ाने, तटबंधों की निगरानी करने और राहत शिविरों की तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
“रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, इसलिए जनता से अपील है कि नदी किनारे जाने से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।” – जिला प्रशासन।
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