सकरन (सीतापुर)। ब्यूरो रिपोर्ट – सुधीर सिंह कुम्भाणी
विकास खंड सकरन की ग्राम पंचायत सेमरा खुर्द में आयोजित मिशन शक्ति कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रणता ऐश्वर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम में महिलाओं, किशोरियों और बच्चों की भारी उपस्थिति रही। इस अवसर पर सीडीओ ने महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।
सीडीओ प्रणता ऐश्वर्य ने अपने संबोधन में कहा कि —
“नारी शक्ति विश्व की सबसे बड़ी शक्ति है। हमें हर महिला का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।”
उन्होंने बताया कि महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया से बचाव के लिए नियमित रूप से आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए, जो भोजन के दो घंटे बाद ली जाए और दूध या कैल्शियम के साथ न ली जाए।
सीडीओ ने स्वयं छात्राओं को आयरन की गोली और बच्चों को सिरप पिलाकर स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम के दौरान सीडीओ का कड़ा तेवर भी देखने को मिला।
बच्चों और महिलाओं को समय से सिरप और आयरन टैबलेट न देने पर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार लगाई और कहा कि “लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक है।
2047 तक विकसित भारत के निर्माण में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है, जिसके लिए उन्होंने क्यूआर कोड के माध्यम से सुझाव देने की अपील की।
इस अवसर पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय सांडा की छात्राओं ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम को डीडीओ, बीडीओ श्रीश कुमार गुप्ता, सीडीपीओ शबीना, ब्लॉक प्रमुख मिथलेश कुमारी वर्मा और उनके प्रतिनिधि कृष्ण कुमार वर्मा ने भी संबोधित किया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर आयरन, कैल्शियम और पोषण संबंधी दवाओं का वितरण किया गया।
इस दौरान सीएचसी अधीक्षक डॉ. आनंद मित्रा, बीईओ ओमकार सिंह, एपीओ विकास श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
हालांकि कार्यक्रम के दौरान सचिव उमाकांत की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वे अपनी “ऊंची पहुंच” के गुरुर में कार्यक्रम से नदारद रहे, जिससे अधिकारियों ने नाराजगी जताई।
🔎 सीडीओ दौरे के खौफ में एपीओ ने रोके मनरेगा कार्य
सीडीओ के दौरे के दौरान एपीओ सकरन द्वारा मनरेगा कार्यों को रोक दिए जाने की जानकारी सामने आई।
मीडिया टीम द्वारा कई ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करने पर एक भी मजदूर कार्यस्थल पर नहीं मिला।
दोपहर बाद ऑनलाइन हाजिरी अवश्य दर्ज हुई, पर ज़मीन पर कार्य शून्य था।
सूत्रों के मुताबिक, दर्जनों ग्राम पंचायतों में डिमांड दर्ज होने के बावजूद कार्य नहीं कराया गया।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या गरीब मजदूरों के हक़ पर डाका डालते हुए जिम्मेदार अधिकारी, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक अपनी जेबें भर रहे हैं?
सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द एपीओ के मनरेगा भ्रष्टाचार का तिलिस्म टूटेगा और पात्र मजदूरों को काम भी मिलेगा।
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