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सब्जी फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक से किसानों की आय में बढ़ी समृद्धि

 स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

शाहजहाँपुर, 30 अक्टूबर 2025 — उद्यान विभाग

भारत आज विश्व पटल पर एक प्रमुख सब्जी उत्पादक देश के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। विश्व की कुल सब्जी उत्पादन का लगभग 14 प्रतिशत उत्पादन अकेले भारत में किया जाता है। सब्जियाँ न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाती हैं बल्कि शरीर को पोषक तत्व जैसे विटामिन, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी प्रदान करती हैं। आहार वैज्ञानिकों के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए ताकि भोजन पौष्टिक और संतुलित रहे।

उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास में लगभग 28 प्रतिशत योगदान औद्यानिक फसलों का है। प्रदेश में मुख्य रूप से मटर, मिर्च, टमाटर, भिंडी, बैंगन, फूलगोभी, लौकी, करेला, तरबूज, कद्दू और परवल जैसी फसलों की खेती की जाती है।
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और तकनीकी सहायता से किसानों का रुझान सब्जी उत्पादन की ओर तेजी से बढ़ा है। आधुनिक तकनीक और उन्नत किस्मों के बीजों के उपयोग से प्रति हेक्टेयर उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

सरकार द्वारा प्रोत्साहित ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से किसानों के खर्च में कमी आई है और जल की बचत के साथ उपज की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इन तकनीकों के प्रयोग से 30–60 प्रतिशत पानी की बचत संभव हुई है। सरकार इन प्रणालियों के लिए अनुदान भी प्रदान कर रही है, जिससे लाखों हेक्टेयर भूमि पर आधुनिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

कद्दू वर्गीय फसलों में मचान विधि के प्रयोग से फलों की गुणवत्ता और उपज में सुधार हुआ है। इसके साथ ही, रोग और कीट प्रबंधन में भी सुविधा मिली है।
संरक्षित खेती (Protected Cultivation) जैसे ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस और पॉली हाउस के माध्यम से किसान अगेती और बेमौसमी सब्जियों — जैसे शिमला मिर्च, खीरा, धनिया, मूली, टमाटर आदि — का उत्पादन कर अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं।

आज के समय में जैविक खेती (Organic Farming) का महत्व बढ़ गया है। जैविक खादों, वर्मी कम्पोस्ट और राइजोबियम कल्चर के उपयोग से फसलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और मृदा की उर्वरता बनी रहती है। इससे न केवल उत्पादन लागत घटती है बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।

उन्नत बीज, पौधशाला प्रबंधन, वैज्ञानिक विधियों से रोग नियंत्रण, और मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक प्रयोग जैसी तकनीकें किसानों को अधिक गुणवत्तायुक्त उत्पादन और आर्थिक लाभ दे रही हैं।

प्रदेश सरकार की योजनाओं और उद्यान विभाग की तकनीकी सहायता से किसानों की आय में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्नत तकनीक, संरक्षित खेती और जैविक विधियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर रहा है।


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