✍️ ब्यूरो रिपोर्ट – सुधीर सिंह कुम्भाणी, सीतापुर
सीतापुर। विकास खंड सकरन में मनरेगा योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार एक बार फिर सुर्खियों में है। आरोप है कि अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) विकास श्रीवास्तव के संरक्षण में कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत पखनियापुर में दर्जनों मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान दिखाया गया है। इस फर्जीवाड़े से संबंधित सभी फोटो और साक्ष्य जिम्मेदार अधिकारियों को उपलब्ध कराए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इसी प्रकार की गड़बड़ियाँ अदवारी, उमरा कला, नसीरपुर, मजलिसपुर, ओड़ा झार, पतरासा और बेलवा बसहिया ग्राम पंचायतों में भी सामने आई हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, इन सभी स्थानों पर ग्राम प्रधानों, रोजगार सेवकों और एपीओ की मिलीभगत से सरकारी धन की खुली लूट मची है।
पखनियापुर के करीब पाँच दर्जन मजदूरों की फर्जी हाजिरी के सबूत उपलब्ध होने के बावजूद प्रशासन की चुप्पी ने एपीओ की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसी मुद्दे को लेकर क्षेत्र के मजदूर व सामाजिक संगठनों ने अब आंदोलन की चेतावनी दी है। संगठनों का कहना है कि वे जल्द ही जिलाधिकारी और श्रम उपायुक्त सीतापुर से मुलाकात कर एपीओ सकरन के तत्काल निलंबन की मांग करेंगे।
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि इस प्रकरण की सूचना मनरेगा मजदूर संगठन और किसान संगठन को भी दे दी गई है। किसान नेता रामशंकर सिंह के नेतृत्व में सभी संगठन एकजुट होकर संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।
ग्रामीणों ने साफ कहा है कि यदि एपीओ सकरन द्वारा शीघ्र कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो ब्लॉक परिसर बहुत जल्द कानूनी जंग का अखाड़ा बन सकता है।

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