स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 18 दिसंबर।
प्रदेश में पॉलीहाउस तकनीक के माध्यम से सब्जियों एवं फूलों की खेती कर किसान अपनी आय में निरंतर वृद्धि कर रहे हैं। वर्तमान में बाजारों में बेमौसमी सब्जियों की उपलब्धता इसी आधुनिक तकनीक का परिणाम है, जिसमें नियंत्रित तापमान व अनुकूल वातावरण में फसलों का उत्पादन किया जाता है।
पॉलीहाउस एक विशेष संरचना होती है, जिसे पराबैंगनी किरणों से अवरोधी पारदर्शी पॉलीथीन शीट से ढका जाता है। इसके माध्यम से फसलों को आवश्यक प्रकाश, तापमान और नमी मिलती है, जिससे उत्पादन एवं गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। उद्यान विभाग के अनुसार पॉलीहाउस खेती से परंपरागत खुले खेतों की तुलना में 5 से 10 गुना अधिक उत्पादन संभव है।
प्रदेश में उन्नत किसान पॉलीहाउस के अंतर्गत खीरा, शिमला मिर्च, संकर टमाटर सहित विभिन्न सब्जियों तथा गुलाब, जरबेरा, लिलियम और कार्नेशन जैसे फूलों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल किसानों को अधिक लाभ मिल रहा है, बल्कि वर्षभर बाजार में ताजी सब्जियों और फूलों की निरंतर उपलब्धता भी सुनिश्चित हो रही है।
उद्यान विभाग ने बताया कि पॉलीहाउस खेती से फसलों को कीट-रोगों और प्रतिकूल मौसम से सुरक्षा मिलती है। हालांकि प्रारंभिक लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान व तकनीकी सहायता भी प्रदान की जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार संरक्षित खेती तकनीक से रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और शहरी व सीमांत किसानों के लिए यह खेती मॉडल अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रहा है। पॉलीहाउस खेती के माध्यम से किसान बेमौसमी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
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