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ईयरफोन और हेडफोन के अत्यधिक उपयोग से हो सकता है स्थायी श्रवण ह्रास: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी शाहजहांपुर 

ब्यूरो चीफ: योगेंद्र सिंह यादव, शाहजहांपुर

उच्च ध्वनि में लंबे समय तक ऑडियो सुनने से हो सकता है टिनिटस व बहरापन
50 डेसिबल से अधिक ध्वनि और 2 घंटे से अधिक प्रयोग न करने की सलाह
बच्चों को स्क्रीन और गेमिंग से दूर रखने की भी चेतावनी

शाहजहांपुर। ईयरफोन और हेडफोन जैसे व्यक्तिगत ऑडियो उपकरणों के अत्यधिक प्रयोग से सुनने की क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है। यह जानकारी जिलाधिकारी शाहजहांपुर द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि यह समस्या विशेष रूप से युवा वर्ग को प्रभावित कर रही है और यह एक गंभीर लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला स्वास्थ्य संकट है।

जिलाधिकारी ने बताया कि विभिन्न अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि तेज आवाज में संगीत या ऑडियो को लंबे समय तक सुनने से सुनने की क्षमता को स्थायी नुकसान हो सकता है। एक बार सुनने की क्षमता प्रभावित होने पर उसे श्रवण यंत्र या कॉक्लियर इम्प्लांट के माध्यम से भी पूरी तरह से बहाल नहीं किया जा सकता।

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए गए हैं:

  • वायर्ड या ब्लूटूथ ईयरप्लग/हेडफोन का अनावश्यक उपयोग हतोत्साहित करें।
  • यदि आवश्यक हो तो 50 डेसिबल से कम ध्वनि वाले उपकरणों का ही प्रयोग करें।
  • ईयरफोन/हेडफोन का प्रयोग प्रतिदिन दो घंटे से अधिक न करें और बीच-बीच में ब्रेक लें।
  • कम आवाज में सुनने के लिए शोर रोधी (noise cancelling) हेडफोन का प्रयोग करें।
  • बच्चों की स्क्रीन समय को सीमित करें ताकि उनके मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा न आए।
  • ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों को दूर रखें ताकि तेज आवाजों के संपर्क से बचाया जा सके।
  • सोशल मीडिया का उपयोग सीमित कर पारिवारिक मेलजोल पर जोर दें।
  • आयोजन स्थलों पर ध्वनि स्तर 100 डेसिबल से अधिक न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
  • सुनने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण कराना जरूरी है ताकि शुरुआती अवस्था में ही समस्या का पता चल सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि युवाओं को जागरूक करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि अत्यधिक ध्वनि और लंबे समय तक हेडफोन के प्रयोग से टिनिटस जैसी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है, जो लंबे समय तक रहने पर अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती है।

उन्होंने अपील की कि सभी लोग इस दिशा में सतर्क रहें और अपने बच्चों एवं परिवार के अन्य सदस्यों को भी इन सुझावों का पालन करने के लिए प्रेरित करें।


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