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जनसूचना के जवाब से असंतुष्ट रामवीर ने उठाई पंचायत में भ्रष्टाचार की पोल खोलने की मांग

संवाददाता: उन्नाव 

उन्नाव
विकास खंड गंजमुरादाबाद की ग्राम पंचायत महोलिया से संबंधित एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचनाओं से असंतुष्ट एक ग्रामीण ने पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं और कार्यों में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए दोबारा कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम महोलिया निवासी रामवीर पुत्र सिपाहीलाल ने दिनांक 1 जुलाई 2024 को खंड विकास अधिकारी एवं जनसूचना अधिकारी को एक आवेदन देकर तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी:

1. वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक 14वें, 15वें वित्त एवं राज्य वित्त द्वारा कराए गए समस्त विकास कार्यों की प्रमाणित छायाप्रति।
2. ग्राम में हरी के दरवाजे से भूप सिंह के दरवाजे तक आरसीसी निर्माण कार्य की स्वीकृति की प्रति एवं भुगतान से संबंधित विलेखों की प्रमाणित प्रति।
3. ग्राम पंचायत में कराए गए हैंडपंप मरम्मत कार्य में जल प्रबंधन समिति के अनुमोदन की प्रमाणित प्रति।

रामवीर ने बताया कि उन्होंने यह सूचनाएं जनहित और पारदर्शिता के उद्देश्य से मांगी थीं, ताकि जनता यह जान सके कि सरकारी योजनाओं और फंड का सही उपयोग हुआ है या नहीं। लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा जो जानकारी दी गई, वह न तो स्पष्ट है और न ही पूर्ण, जिससे वे संतुष्ट नहीं हैं।

रामवीर ने कहा कि यदि उनकी मांगी गई सूचना पूरी तरह से और प्रमाण सहित नहीं दी जाती, तो वह जिला प्रशासन से लेकर राज्य सूचना आयोग तक अपनी बात पहुंचाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत में कई निर्माण कार्यों और भुगतान प्रक्रियाओं में भारी गड़बड़ी की आशंका है।

इस प्रकरण से यह साफ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब लोग जनसूचना कानून का प्रयोग कर सत्ता की जवाबदेही तय कर रहे हैं। रामवीर की मांग है कि पंचायत में हुए कार्यों का निरिक्षण कर जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस शिकायत को कितनी गंभीरता से लेता है और पारदर्शिता को कायम रखने के लिए क्या कदम उठाता है।

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