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माछरा ब्लॉक के परिषदीय स्कूलों में समर कैंप में बच्चों ने सीखी डिजिटल शिक्षा और भाषा की बारीकियां, बच्चों ने बनाई कल्पनाशील कहानियां और भाषा वृक्ष, प्रतिभा देख अधिकारी भी हुए प्रभावित

ब्यूरो चीफ:तशरीफ़ अली,मेरठ

मेरठ के माछरा ब्लॉक स्थित विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर चल रहे समर कैंप 2025 में बच्चों को डिजिटल शिक्षा और भाषा का गहन ज्ञान दिया जा रहा है। सोमवार, 2 जून को उच्च प्राथमिक विद्यालय हसनपुर में समर कैंप के निरीक्षण के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती आशा चौधरी और खंड शिक्षा अधिकारी श्री सुरेंद्र सिंह पहुंचे। उन्होंने समय-सारिणी के अनुसार कैंप संचालन के दिशा-निर्देश दिए।

पी.एम. श्री उच्च प्राथमिक विद्यालय बहरोड़ा में बच्चों को डिजिटल शिक्षण सामग्री के माध्यम से आधुनिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान बच्चों को कल्पनाशील कहानी लेखन और भाषा वृक्ष निर्माण की विधियाँ सिखाई गईं। बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए इन गतिविधियों में भाग लिया, जिसे देखकर अधिकारी भी चकित और प्रसन्न नजर आए।

प्रधानाध्यापक प्रेमचंद और इंचार्ज शिक्षक उमेश कुमार के नेतृत्व में बच्चों ने कहानी लेखन और भाषा वृक्ष के माध्यम से भाषाई संरचना और कल्पना शक्ति का अभ्यास किया।

समर कैंप में उपस्थित शिक्षाविद तशरीफ़ अली ने बच्चों को बताया कि डिजिटल माध्यम जैसे स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप आदि के जरिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा संभव है। उन्होंने बताया कि इन संसाधनों का सही उपयोग कर बच्चों को प्रतिस्पर्धी युग के लिए तैयार किया जा सकता है

तशरीफ़ अली ने समझाया कि कल्पनाशील कहानियाँ वे होती हैं जो पूरी तरह से कल्पना पर आधारित होती हैं – इनमें काल्पनिक पात्र, स्थान और घटनाएँ होती हैं, जो हमें रचनात्मकता की एक नई दुनिया में ले जाती हैं।

उन्होंने भाषा वृक्ष की भी विस्तृत जानकारी दी। यह एक व्याकरणिक संरचना को दर्शाने वाला चित्रात्मक मॉडल है, जिससे यह समझा जाता है कि वाक्य में शब्दों का संयोजन कैसे होता है

समर कैंप के प्रारंभ में नसीम खातून ने बच्चों को योग और खेल गतिविधियों के माध्यम से दिन की शुरुआत कराई। उन्होंने बच्चों को बताया कि निरोगी जीवन के लिए योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए

समर कैंप के संचालन में नसीम खातून के साथ-साथ नूरुनिशा (शाहजहांपुर), सुशीला (कासमपुर), सीमा (राजा), विपिन, संगीता (मानपुर), संतोष (डेरियो), मनोज, बाला (अमरपुर), अमरदीप, रजनीश (कलीरामपुर), इकरामुद्दीन, मोहम्मद अहमद (अलीपुर शेट्टी का सौदा), अरविंद (नगली किठौर), सतीश (भाटीपुरा), परवीन, उमेश (लालपुर), इंद्रपाल, अफसा, जीनत (ज़डोदा), पिंकी, सरिता (खन्दरावली), नरेंद्र (दबथला), इरफान अहमद, पूनम सिंह (गोविंदपुर) आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विशेष भूमिका निभाई।

बीआरसी माछरा के स्टाफ का भी इस कैंप को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग मिल रहा है, जिससे बच्चों को सीखने का एक प्रेरणादायक और रचनात्मक वातावरण प्राप्त हो रहा है।

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