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नेत्रहीन पिता ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार — कहा, बहू ने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी मेरे इकलौते बेटे की हत्या!

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर – जनपद के बंडा थाना क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 75 वर्षीय नेत्रहीन बुजुर्ग ने अपने इकलौते पुत्र की हत्या का आरोप अपनी बहू, उसके प्रेमी और ससुराल पक्ष के लोगों पर लगाते हुए जिलाधिकारी शाहजहांपुर से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित बालकिशन पुत्र डालचंद की आंखों में तो रोशनी नहीं है, लेकिन दिल में उठता इंसाफ का ज्वालामुखी अब सड़कों पर फूट पड़ा है।

बालकिशन ने अपने प्रार्थना पत्र में जो कहानी बयां की, वो न सिर्फ दुखद है, बल्कि समाज की गिरती नैतिकता और रिश्तों के पतन की एक खौफनाक तस्वीर भी पेश करती है।

18 साल पहले हुई थी बेटे गजराम की शादी
बालकिशन के अनुसार, उनका इकलौता पुत्र गजराम (उम्र करीब 40 वर्ष) दूध बेचकर गुजर-बसर करता था और जन्म से नेत्रहीन पिता की सेवा भी करता था। उसकी शादी 18 वर्ष पूर्व पीलीभीत जिले के ग्राम मैसासुर की रहने वाली पिंकी देवी से हुई थी। कुछ साल तक सब कुछ सामान्य चला, लेकिन फिर कहानी में मोड़ आया।

बहू का पराया प्रेम बना मौत की वजह
पिंकी देवी के गांव के पास के ही विशाल नामक युवक से अवैध संबंध बन गए। जब पति गजराम को इसकी जानकारी हुई, तो उसने रिश्तों को बचाने का बहुत प्रयास किया। लेकिन प्रेम के नशे में अंधी हो चुकी पत्नी और उसके परिवार ने इसे इज्जत का मुद्दा बना लिया और गजराम पर ही झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए।

साजिश रचकर दिया जहर, मरने से पहले बेटे ने खुद किया खुलासा
3 जून 2022 को गजराम को जहरीला पदार्थ खिलाकर खेत पर भेजा गया, जहां वह रास्ते में गिर गया। मरने से पहले उसने खुद अपने रिश्तेदार को फोन कर बताया कि "मेरी पत्नी और उसकी भाभी ने मुझे जहर दिया है, अब मैं नहीं बच पाऊंगा..." यह गवाही अपने आप में एक बड़ा प्रमाण है, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

डर से दबाया गया मामला, बुजुर्ग पिता को दी गई धमकियाँ
नेत्रहीन बालकिशन पर इतना दबाव बनाया गया कि वह अपने पुत्र की लाश को चुपचाप फुंकवाने को मजबूर हो गया। शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया। इसके बाद बहू ने वृद्ध ससुर को घर से निकाल दिया, भूखा-प्यासा रखा, और मारपीट तक की।

अब दर-दर भटक रहा एक नेत्रहीन बाप
अपने बेटे की मौत के बाद बालकिशन खुद को असहाय और लाचार महसूस कर रहे हैं। अब वह रिश्तेदारों के यहां शरण लेकर जीवन बिता रहे हैं। उनकी पुकार है – “मुझे इंसाफ चाहिए... मेरे बेटे की मौत बेवजह नहीं हुई।”

जांच की मांग
बुजुर्ग ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो और जो साजिशें उनके खिलाफ रची गईं, उन्हें सामने लाया जाए।


"जब कानून अंधा नहीं है, तो इंसाफ नेत्रहीन क्यों है?" – बालकिशन की चीख प्रशासन की नींद तोड़ पाएगी?

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