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बाल विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहाँपुर। आज दिनांक 18 जून 2025 को मुख्य विकास अधिकारी महोदया की अध्यक्षता में एक अहम समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बाल विकास विभाग के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण एवं पोषण ट्रैकर पर फेस कैप्चरिंग और ई-केवाईसी (एफ.आर.एस.) की प्रगति की समीक्षा की गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों एवं नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण हेतु चिन्हित भूमि प्रस्तावों की सूचना पांच दिनों के भीतर जिला कार्यक्रम अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं।

बैठक में बाल विकास परियोजना मिर्जापुर की मुख्य सेविका के अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन रोके जाने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही लगातार अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के आदेश भी जारी किए गए।

पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) में स्वीकृत 48 आंगनबाड़ी केंद्रों में से जो केंद्र छत स्तर या फिनिशिंग स्तर पर थे, उन्हें दो दिन में पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए। वहीं मदनापुर और मिर्जापुर परियोजना की कार्य शिथिलता के चलते संबंधित खंड विकास अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया गया।

बंडा परियोजना के अधिकारी एवं प्रधान सहायक श्रीमती गौरी वैश्य को सूचनाओं के संकलन व अपडेटिंग में लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा गया।

पोषण ट्रैकर पर फेस कैप्चरिंग और ई-केवाईसी की समीक्षा के दौरान निगोही एवं भावलखेड़ा परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की विशेष समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन कार्यकत्रियों द्वारा फेस ऑथेंटिकेशन कार्य पूर्ण नहीं किया गया है, उनके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाए।

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, संयुक्त नगर आयुक्त, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशासन की यह सख्ती स्पष्ट करती है कि शासन की प्राथमिकता वाले कार्यों में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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