ब्यूरो रिपोर्ट: कल्लू उर्फ रजनीश
उत्तर प्रदेश सरकार ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा और संवेदनशील कदम उठाते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। अब किसी भी शव का पोस्टमार्टम अधिकतम चार घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाएगा। यह निर्णय विशेष रूप से दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिजनों की पीड़ा को कम करने और सरकारी प्रक्रिया को अधिक संवेदनशील व समयबद्ध बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा यह नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत सभी जिलों के पोस्टमार्टम हाउस में व्यवस्था को नए सिरे से लागू किया जाएगा।
मुख्य निर्देशों में शामिल हैं:
- 4 घंटे के भीतर पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य।
- देरी होने पर संबंधित जिम्मेदारों की जवाबदेही तय होगी।
- प्रत्येक जिले में समयबद्ध रिपोर्टिंग की व्यवस्था।
- महिला शवों के पोस्टमार्टम के लिए महिला डॉक्टर्स को पैनल में शामिल करने के निर्देश।
- प्रशासन को स्पष्ट निर्देश कि परिजनों को सम्मान और सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जाए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार इस विषय को लेकर बेहद गंभीर है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब उत्तर प्रदेश में पोस्टमार्टम प्रक्रिया सिर्फ कानूनी जरूरत नहीं, बल्कि संवेदनशील प्रशासनिक जिम्मेदारी के तौर पर देखी जाएगी।
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