सुधीर सिंह कुम्भाणी की रिपोर्ट ।।अंकुल गुप्ता के साथ।।
सकरन (सीतापुर): बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ विद्यालय जहाँ अपनी गुणवत्ता के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं, वहीं ब्लॉक मुख्यालय से दूर गांजर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षा का हाल बेहद चिंताजनक है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ऊँची पहुँच और सत्ता से जुड़ाव के चलते कई शिक्षक महीनों से विद्यालयों में पढ़ाने ही नहीं आते। नतीजतन मासूम बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। अभिभावकों में इसको लेकर गहरा रोष व्याप्त है।
शिक्षा से खिलवाड़ करने वाले शिक्षक
ग्रामवासियों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय कुचलैया में तैनात शिक्षिका नीतू राही, जो सत्तासीन मंत्री के परिवार से ताल्लुक रखती हैं, अपनी मनमानी कर रही हैं। उनके साथ तैनात अन्य आधा दर्जन शिक्षक भी नियमित नहीं आते।
इसी तरह यूपीएस ताजपुर सलौली में तैनात शिक्षक आराध्य शुक्ला सप्ताह में महज एक-दो बार विद्यालय आते हैं।
यूपीएस बेलवा बसहिया के प्रधानाध्यापक अवनीश द्विवेदी पर तो ग्रामीणों ने और गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे विद्यालय न आकर नशे में लफंगों के साथ घूमते रहते हैं।
ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने कई बार इस मामले की शिकायत की, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक बेहद चिंतित हैं।
ग्रामवासियों की मानें तो –
“शिक्षक पढ़ाने नहीं आते, फिर किसकी कृपा से पूरा वेतन पा रहे हैं?”
कुछ अभिभावक तो मजबूरी में अपने बच्चों का नाम कटवाने तक का मन बना चुके हैं, लेकिन विकल्प न होने की वजह से पढ़वा रहे हैं।
शिक्षा विभाग की चुप्पी
ग्रामीणों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी सकरन की शह पर ये सभी मनमानी चल रही है। उच्चाधिकारी मौन साधे हुए हैं और मासूम बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।
📌 अब सवाल यह है कि शिक्षा से खिलवाड़ करने वाले इन शिक्षकों पर कब होगी सख्त कार्रवाई?
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