✍️ सुधीर सिंह कुम्भाणी रिपोर्ट
सकरन (सीतापुर)। प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान आठ वर्षीय बच्चे की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अवैध अस्पतालों के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बिसवां थाना क्षेत्र के देवतापुर गांव निवासी श्यामलाल के पुत्र सत्यम (8 वर्ष) को बुधवार को तेज बुखार आया था। गांव की आशाबहू के कहने पर श्यामलाल ने बेटे को सांडा स्थित एक प्राइवेट आयुष्मान हॉस्पिटल में भर्ती कराया। आरोप है कि पाँच दिन तक इलाज के नाम पर डॉक्टरों ने 60 हजार रुपये वसूल किए।
सोमवार सुबह सत्यम की हालत बिगड़ने पर उसे ऑक्सीजन दी गई, लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। इसके बावजूद डॉक्टरों ने परिजनों को बच्चे को बाहर ले जाने के लिए कहा। परिजन जब सत्यम को लेकर सीएचसी सांडा पहुँचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी की नाक के नीचे वर्षों से अवैध क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। सीएमओ, नोडल अधिकारी और सीएचसी अधीक्षक के लगातार आवागमन के बावजूद विभागीय कार्रवाई न होना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
मृतक के परिजनों ने विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है। इस पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. आनंद मित्रा का कहना है कि अभी तक कोई शिकायत पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शिकायत मिलने पर जाँच कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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