ब्यूरो रिपोर्ट — सुधीर सिंह कुम्भाणी, सीतापुर
सकरन (सीतापुर)।
क्षेत्र के किसान इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं — एक ओर अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर रबी फसलों की बुवाई के लिए आवश्यक डीएपी खाद की किल्लत ने उनके सामने नई मुश्किल खड़ी कर दी है।
शाहपुर निवासी किसान रामबृक्ष ने साधन सहकारी समिति सांडा के सचिव चंद्रभाल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। किसान का कहना है कि उसने पास मशीन पर अपनी चार बोरी डीएपी खाद खारिज होने के बाद ₹5400 का भुगतान किया, लेकिन सचिव ने अब तक खाद उपलब्ध नहीं कराई।
किसान के अनुसार, कई बार कहने के बावजूद सचिव ने दबंगई दिखाते हुए दुकान छोड़ दी। निराश होकर किसान ने अब सचिव के खिलाफ आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर शिकायत दर्ज कराई है, ताकि उसे खाद उपलब्ध कराई जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि डीएपी की कालाबाजारी के कारण क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की सरसों और गन्ने की बुवाई बाधित हो रही है।
अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस प्रकरण में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी सांडा के ही सचिव आशुतोष पांडेय द्वारा की गई अवैध वसूली और अभद्रता की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।


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