माछरा मेरठ तशरीफ़ अली रविवार 22/12/2024 को 1 बजे सीएचसी माछरा मेरठ पर श्रीमती मीनाक्षी यादव स्टाफ नर्स और श्रीमती द्वारा श्रीमती जय कौर पत्नी गोविंद सिंह निवासी स्वामीपुरा कासमपुर ब्लॉक माछरा मेरठ ने एक बेबी बॉय को जन्म दिया जो हार्लेक्विन इचिथियोसिस से पीड़ित है।यह एक गंभीर आनुवंशिक विकार है 2019 में भी सीएचसी माछरा पर इस महिला ने एक बेबी गर्ल को जन्म दिया था जो कि ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह पाई थी। डॉक्टर तरुण राजपूत चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माछरा मेरठ से वार्तालाप करने पर यह ज्ञात हुआ कि एक दुर्लभ त्वचा विकार है। इस विकार से पीड़ित नवजात शिशुओं में ये लक्षण दिख सकते हैं।
त्वचा पर मोटी,दरारदार प्लेटें होती हैं।
त्वचा में गहरी दरारें होती हैं
आंखों की पलकें बाहर की ओर मुड़ जाती हैं।
आंखें बंद नहीं होतीं
मुंह खुला रहता है।
कान सिर से जुड़े होते हैं या पूरी तरह से अनुपस्थित होते हैं।
हाथ और पैर छोटे और सूजे हुए होते हैं।
बाहों और पैरों में गतिशीलता सीमित होती है।
सांस लेने में समस्या होती है।
शरीर का तापमान कम होता है।
खून में सोडियम का स्तर ज़्यादा होता है।
हार्लेक्विन इचिथियोसिस से पीड़ित शिशुओं को जन्म के कुछ घंटो या कुछ दिनों बाद ही मौत हो सकती है।इसका कोई इलाज नहीं है. हालांकि,चिकित्सा प्रगति से इन बच्चों की स्थिति में काफ़ी सुधार हुआ है।
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