ब्यूरो रिपोर्ट: जहीन खान ✍️
लखनऊ, 21 जून 2025। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार की विद्यालय विलय योजना के खिलाफ खुला मोर्चा खोलते हुए 21 जून से 30 जून 2025 तक प्रदेशव्यापी ज्ञापन अभियान की घोषणा कर दी है। संघ ने साफ किया है कि सरकारी स्कूलों को बंद नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यह आरटीई कानून और संविधान के विरुद्ध है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि, "विद्यालय विलय योजना पूरी तरह से गलत और गरीब विरोधी है। इससे गरीब व ग्रामीण तबके के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे और विशेषकर बालिकाओं की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ेगा। यह योजना संविधान की धारा 21A और आरटीई (निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम) 2009 का उल्लंघन है, जिसमें 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देना राज्य की जिम्मेदारी है।"
उन्होंने कहा कि "यदि सरकार यह योजना वापस नहीं लेती, तो शिक्षक संघ सड़कों पर उतरकर लोकतांत्रिक तरीके से व्यापक आंदोलन करेगा।" संघ का मानना है कि विद्यालयों को मर्ज करना शैक्षिक आधारभूत संरचना को कमजोर करेगा और यह बच्चों को स्कूल से बाहर करने का अप्रत्यक्ष तरीका बन जाएगा।
संघ के प्रदेशीय पदाधिकारियों ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी जनपदों में शिक्षक संघ के ब्लॉक एवं जिला स्तर के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। इस ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की जाएगी कि विद्यालय विलय का आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
शिक्षक संघ का यह आंदोलन न केवल शिक्षकों की आवाज है, बल्कि उन लाखों गरीब बच्चों की भी आवाज है, जिनके भविष्य से इस निर्णय के माध्यम से सीधा खिलवाड़ हो रहा है।
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