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खनन माफिया का कहर: समदा चौकी क्षेत्र में सरकारी ज़मीन तक निगल गया अवैध खनन, पुलिस बेख़बर या मिलीभगत? उठने लगे गंभीर सवाल

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र की समदा पुलिस चौकी के अंतर्गत अवैध खनन का नेटवर्क बेलगाम होता जा रहा है। आउटर रिंग रोड से मौन्दा मार्ग तक सरकारी भूमि और नहर किनारे बेखौफ होकर की जा रही खुदाई प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

स्थानीय लोगों की मानें तो रात्रि के समय जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली से मिट्टी की चोरी खुलेआम की जाती है और प्रशासन इस पर आँखें मूँदे हुए है।


7 फीट गहरे गड्ढे – किसी बड़े हादसे का इंतज़ार?

रात के अंधेरे में की गई खुदाई से सड़क किनारे करीब 7 फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। न तो इन गड्ढों को ढका गया है और न ही किसी प्रकार का चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। राहगीरों और दोपहिया वाहनों के लिए ये गड्ढे मौत का जाल बन सकते हैं, लेकिन ज़िम्मेदार तंत्र चुप्पी साधे बैठा है।


पुलिस गश्त पर सवाल – खनन चलता रहा, चौकी को खबर नहीं?

समदा चौकी की गश्त पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है। आउटर रिंग रोड जैसे व्यस्त इलाके में लगातार भारी मशीनों से रातभर खुदाई होती रही और स्थानीय पुलिस को भनक तक न लगे? यह संदेह से परे नहीं है कि पुलिस की मौन स्वीकृति से ही माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।


प्रशासन की चुप्पी – जिम्मेदार कौन?

यह मामला सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों की लूट तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने का उदाहरण बन चुका है। अब तक न कोई कार्रवाई हुई है, न ही प्रशासन की ओर से कोई जांच की सूचना सामने आई है।


जनहित की मांग: दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो

स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि:

  • रात्रिकालीन निगरानी बढ़ाई जाए।
  • अवैध खनन में प्रयुक्त मशीनों और वाहनों को तत्काल जब्त किया जाए।
  • चौकी स्तर पर जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हो।
  • खनन पर रोक के लिए स्थायी समाधान और निगरानी समिति गठित की जाए।

📌 यह सिर्फ एक इलाके की समस्या नहीं, बल्कि सिस्टम की निष्क्रियता का प्रतीक है। अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है।

🖊️ रिपोर्ट: शशांक मिश्रा
सच की आवाज़ वेब न्यूज़ – लखनऊ


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