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आजादी के 77 साल बाद भी विकास से कोसों दूर ताजपुर सलौली

ब्यूरो चीफ: अमित गुप्ता, सीतापुर

सकरन (सीतापुर)। आज़ादी के 77 वर्ष बीत जाने के बावजूद ग्राम पंचायत ताजपुर सलौली के लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव के हालात इतने खराब हैं कि यहां के लोग पेयजल, रोशनी, निकास मार्ग और शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए तरस रहे हैं।

ग्राम प्रधान पर लगे लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधान ने अपने कार्यकाल में पंचायत का विकास करने के बजाय केवल स्वयं और अपने लोगों का विकास किया।

  • ग्राम विकास निधि के माध्यम से बिना कार्य कराए या आधे-अधूरे काम दिखाकर लाखों रुपये निकाल लिए गए।
  • गली-कूचों में गंदगी और कीचड़ फैला हुआ है।
  • स्ट्रीट लाइटों पर लाखों खर्च होने के बावजूद पंचायत अंधेरे में डूबी रहती है।
  • वर्षों से बंद पड़े आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

शिक्षा व्यवस्था बदहाल

ग्राम पंचायत के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कायाकल्प के नाम पर लाखों खर्च किए गए, लेकिन हालात जस के तस हैं।

  • टूटी फर्श, गंदगी से भरे शौचालय और भोजन के नाम पर बेहद खराब मिड-डे मील।
  • मासूम छात्र मजबूरी में नारकीय हालात में पढ़ाई करने को विवश।

📌 बॉक्स: महीने में सिर्फ 5 दिन ही आते हैं सीतापुर वाले गुरूजी

ग्राम प्रधान की लापरवाही का नतीजा यह भी है कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर जलमग्न है। यहां पढ़ने वाले करीब सौ छात्रों के लिए शौचालय टूटे दरवाजों के साथ खस्ताहाल पड़े हैं।

  • मिड-डे मील अक्सर नदारद रहता है।
  • बच्चों के मुताबिक, सीतापुर वाले गुरूजी महीने में सिर्फ 5 दिन ही आते हैं।
  • इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने बारिश का हवाला देते हुए स्थिति से पल्ला झाड़ लिया।

जांच कराने का आश्वासन

मामले की जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई, तो उन्होंने कहा कि सोमवार को पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

ग्राम पंचायत के लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर आज़ादी के इतने साल बाद भी विकास का सपना यहां कब साकार होगा?



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