स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहांपुर, 02 अक्टूबर। शाहजहांपुर जेल के इतिहास में पहली बार जेल परिसर के भीतर भव्य रामलीला मंचन का आयोजन किया गया। 1870 में ब्रिटिश काल में स्थापित शाहजहांपुर जेल में आयोजित इस अद्वितीय आयोजन का उद्देश्य बंदियों के स्वास्थ्य, मनोरंजन एवं उन्हें तनाव और अवसाद से दूर रखना रहा।
इस अवसर पर नव कल चेतना परिषद के कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर, धनुष भंग प्रसंग एवं परशुराम-लक्ष्मण संवाद का अत्यंत सजीव मंचन प्रस्तुत किया गया। कलाकारों की प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली रही कि बंदियों ने उत्साहपूर्वक तालियों से स्वागत किया।
यह आयोजन आदर्श दिव्यांग कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री हरि शरण बाजपेई एवं श्री नीरज बाजपेई जी के सौजन्य से संभव हो पाया। कार्यक्रम के उपरांत वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा सभी कलाकारों एवं आयोजकों को सम्मानित किया गया तथा विशेष रूप से श्री हरि शरण बाजपेई एवं नीरज बाजपेई जी का आभार व्यक्त किया गया।
रामलीला के मंचन को देख सभी बंदियों के चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे। उन्होंने कहा कि जब बाहर समाज में हर जगह रामलीला का मंचन हो रहा है, तब जेल के अंदर इसे देखने का सौभाग्य मिलना उनके लिए विशेष अनुभव है।
बंदियों ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में जेल का वातावरण सकारात्मक हुआ है और विशेष रूप से गरीब एवं जरूरतमंद कैदियों की देखभाल पर ध्यान दिया जा रहा है।
👉 यह आयोजन न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि जेल सुधार और कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक प्रेरणादायी पहल साबित हुआ।
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