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शाहजहांपुर जेल में गांधी-शास्त्री जयंती धूमधाम से मनाई गई, बंदियों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

शाहजहांपुर, 02 अक्टूबर। शाहजहांपुर कारागार में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती बड़े हर्षोल्लास एवं गरिमा के साथ मनाई गई। प्रातःकाल कारागार के मुख्य द्वार पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई तथा उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ राष्ट्रगान का सामूहिक गायन किया गया। इस दौरान गांधीजी एवं शास्त्रीजी के जीवन, कृतित्व और आदर्शों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान करने का संदेश दिया गया।

विशेष अवसर पर कारागार परिसर में जनपद के विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में सबसे बुजुर्ग महिला एवं पुरुष बंदी से ध्वजारोहण कराया गया। यह दृश्य भावनात्मक और प्रेरणादायी रहा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से माननीय विधायिका श्रीमती सलोना कुशवाहा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह, महानगर अध्यक्ष श्रीमती शिल्पी गुप्ता, विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक श्री रमेश भैया, कर्नल प्रमोद कुमार गुप्ता, पूर्व पुलिस उपाधीक्षक श्री अरुण दीक्षित, विभिन्न व्यापारिक संगठनों के अध्यक्षगण, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय वर्मा, प्रोफेसर नवीन गुप्ता, समाजसेवी श्रीमती नीलम गुप्ता, ब्रह्माकुमारी बहनें एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। महिला बंदी वंदना द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही महिला एवं पुरुष बंदियों ने नाटक, गायन एवं नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों का संदेश दिया। संजय सरस्वती विद्या मंदिर की बालिकाओं ने भी रंगारंग नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। बंदी अक्षय ने राधा-कृष्ण की झांकी प्रस्तुत की, वहीं वैदिक संख्या 3 के बंदियों ने देशभक्ति पर आधारित पिरामिड और योग की कठिन मुद्राएं प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं।

इस अवसर पर कर्नल प्रमोद गुप्ता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह ने कारागार की सकारात्मक छवि की सराहना करते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल की कार्यशैली को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि जेल जैसी संस्था को समाज में सकारात्मक संदेश देने वाला केंद्र बनाना एक मिसाल है।

कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को सुंदर पेंटिंग्स भेंटकर सम्मानित किया गया। साथ ही समाजसेवियों की ओर से जरूरतमंद बंदियों को जूते-चप्पल, हाइजीन किट एवं फल वितरित किए गए।

👉 बंदियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ऐसे सांस्कृतिक एवं प्रेरणादायी कार्यक्रम उन्हें नई ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करते हैं।


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