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“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की समीक्षा — प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर स्थापित होंगे अत्याधुनिक केंद्र”


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास, लखनऊ पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर ऐसे अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र विकसित किए जाएं, जहां दिव्यांग व्यक्तियों को चिकित्सकीय, शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक और व्यावसायिक सहायता एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सके।

उन्होंने कहा कि सरकार ‘सेवा, संवेदना और सम्मान’ के भाव से दिव्यांगजनों के समग्र सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने यह भी कहा कि “दिव्यांगजन केवल सहानुभूति के पात्र न बनें, बल्कि आत्मनिर्भर और समाज की मुख्यधारा में योगदानकारी नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाएं।”

बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन जनपदों में पहले से दिव्यांग पुनर्वास केंद्र संचालित हैं, उन्हें मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए।
जहां केंद्र नहीं हैं, वहां उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जिला या सरकारी अस्पतालों के परिसर में स्थापित किया जाए, ताकि चिकित्सा सुविधाओं के साथ सहज समन्वय बन सके।
यदि अस्पतालों में पर्याप्त स्थान उपलब्ध न हो, तो अलग भवन की व्यवस्था की जाए।

वर्तमान में प्रदेश के 37 जनपदों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र कार्यरत हैं, जिनमें से 11 मंडल मुख्यालयों पर स्थापित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन केंद्रों में तकनीकी संसाधनों और विशेषज्ञ मानवबल को सुदृढ़ किया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, प्रॉस्थेटिस्ट, ऑर्थोटिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट और काउंसलर की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।

साथ ही, तकनीकी प्रशिक्षण, डिजिटल पंजीकरण और ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि सेवाओं में पारदर्शिता और निगरानी बनी रहे।


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