अंकुल गुप्ता की रिपोर्ट ✍️
सकरन (सीतापुर): मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ सामने आई हैं। ग्राम पंचायत शाहपुर में आबादी के निकट स्थित जलमग्न गड्ढे की खुदाई के लिए ₹5,16,000 का एस्टीमेट तैयार किया गया, लेकिन योजना के मानकों को पूरी तरह नजरअंदाज कर ठेकेदारी प्रथा के तहत खुदाई करवाई जा रही है।
गड्ढे का पानी पंपिंग सेट से निकाला, फर्जी लेबर की हाजिरी जारी
सूत्रों के अनुसार, पहले से लगभग 5 मीटर गहरे तीन बिसुवा के जलयुक्त गड्ढे से पंपिंग सेट द्वारा पानी निकालकर केवल चार मजदूरों से खुदाई कराई जा रही है। बावजूद इसके, मजदूरी के भुगतान के लिए फर्जी मास्टर रोल तैयार कर 80% से अधिक विकलांग और बाहर कार्यरत लोगों के नाम मजदूरों की सूची में जोड़े गए हैं।
शिकायत के बाद भी जारी है काम
स्थानीय ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की, लेकिन ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिकारियों पर उठे सवाल, जल्द हो सकता विरोध
ग्रामवासियों का कहना है कि तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा चल रहा है। यदि जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो ग्रामीण लामबंद होकर बड़ा विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
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