संवाददाता: रजनीश, लखनऊ
लखनऊ। काकोरी क्षेत्र में बीते 16 मई को आउटर रिंग रोड पर हुए एक गंभीर सड़क हादसे के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, हादसे में घायल टैंकर ड्राइवर की इलाज के दौरान मैक्स हॉस्पिटल में मौत हो गई, लेकिन अब तक इस मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
स्थानीय लोग पूछ रहे हैं – जब तक पीड़ित जिंदा रहा, तब तक पुलिस मुकदमा दर्ज करने से बचती रही, अब जब उसकी मौत हो चुकी है, तो क्या अब भी न्याय मिलेगा?
इस पूरे मामले में काकोरी इंस्पेक्टर की चुप्पी और निष्क्रियता चर्चा का विषय बनी हुई है। "इंस्पेक्टर हो तो काकोरी इंस्पेक्टर जैसा?" यह व्यंग्यात्मक टिप्पणी अब क्षेत्र में आम हो गई है।
पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ट हैं। मजबूर होकर वे न्याय की उम्मीद में डीसीपी पश्चिम के कार्यालय तक पहुंच रहे हैं।
प्रशासनिक स्तर पर इस लापरवाही को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना बाकी है। लेकिन इस मामले ने एक बार फिर पुलिस की संवेदनहीनता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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