ब्यूरो रिपोर्ट: दर्शन गुप्ता
कानपुर और लखनऊ के बीच बन रहा अवध एक्सप्रेसवे (NAE-6) तय समय पर पूरा नहीं हो सका है। निर्माण में हो रही देरी को लेकर कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उन्नाव जिले में परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया और कार्य की प्रगति की समीक्षा की।
रेलवे ओवरब्रिज व अन्य कारणों से निर्माण में देरी
डीएम ने जानकारी दी कि उन्नाव से लेकर बनी (लखनऊ) तक 45 किमी के हिस्से का कार्य 31 मई 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन रेलवे ओवरब्रिज सहित कुछ अन्य तकनीकी कारणों से काम समय पर पूरा नहीं हो सका। अब इस सेक्शन को पूरा करने की नई डेडलाइन 31 जुलाई 2025 तय की गई है।
जाम से मिलेगी राहत, यात्रा होगी आसान
डीएम के मुताबिक, 17 किमी के दूसरे एलिवेटेड सेक्शन में अभी कुछ कार्य बाकी है, जिसे अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यदि 45 किमी वाला हिस्सा जुलाई के बाद चालू हो जाता है, तो एनएच-27 पर जाम से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। एक बार पूरा एक्सप्रेसवे चालू हो गया तो कानपुर से लखनऊ की यात्रा महज़ 40 मिनट में पूरी हो सकेगी और एनएच-27 पर ट्रैफिक का दबाव भी घटेगा।
स्थायी परियोजना निदेशक की मांग
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि फरवरी 2023 से अब तक चार परियोजना निदेशक (पीडी) बदले जा चुके हैं, जिससे कार्य में निरंतरता नहीं बनी। मौजूदा पीडी भी अस्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि एनएचएआई चेयरमैन से निवेदन किया जाएगा कि इस प्रोजेक्ट के लिए स्थायी परियोजना निदेशक की नियुक्ति की जाए।
परियोजना की विशेषताएं
- अवध एक्सप्रेसवे (कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे) को एनएई-6 के नाम से जाना जाएगा।
- यह एक 6 लेन चौड़ा एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है।
- यह एनएच-27 के समानांतर चलेगा, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रा सुगम बनेगी।
अब नज़रें जुलाई डेडलाइन पर टिकी हैं, ताकि यात्रियों को जल्द ही इस बहुप्रतीक्षित हाईस्पीड एक्सप्रेसवे की सुविधा मिल सके।
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