संवाददाता: सीतापुर ✍️
सीतापुर जनपद के ब्लॉक कसमंडा क्षेत्र अंतर्गत सहकारी साधन समिति (थानापट्टी) में यूरिया खाद उपलब्ध होने के बावजूद भी वितरण नहीं किया गया, जिससे सैकड़ों किसान निराश होकर खाली हाथ लौट गए।
स्थानीय किसानों का कहना है कि समिति में खाद मौजूद है, लेकिन कालाबाजारी और कमीशनखोरी के चलते समिति पर ताला लटकता रहा। मौके पर कोई जिम्मेदार कर्मचारी उपस्थित नहीं था, और जिनके मोबाइल नंबर समिति के बाहर लिखे हैं, वे भी स्विच ऑफ या बंद मिले।
किसानों की पीड़ा:
खेतों में यूरिया की जरूरत चरम पर है, लेकिन सरकारी सहकारी समिति से कोई मदद नहीं मिल रही। किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर यूरिया लेने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल:
स्थानीय किसान संगठनों ने इस मामले में कृषि विभाग व जिला प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि खाद की कालाबाजारी और वितरण में लापरवाही ऐसे ही चलती रही, तो फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा।
मांग की गई है कि:
- संबंधित समिति की जांच की जाए
- जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई हो
- किसानों को समय पर उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराया जाए
अब सवाल उठता है — आख़िर इस कमीशनखोरी और लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा?
किसानों की आंखें अब कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर टिकी हैं।
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