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प्रदेश में मत्स्य पालन एवं उत्पादन में दोगुनी से अधिक वृद्धि


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की गई है। पर्याप्त जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग से न केवल रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं बल्कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। मत्स्य पालन अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनकर उभर रहा है।

प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल, बेतवा, गोमती, घाघरा एवं राप्ती जैसी नदियाँ बहती हैं, जिनके किनारे मछुआ समुदाय की बड़ी आबादी निवास करती है। यह समुदाय अपनी आजीविका के लिए मत्स्य पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विपणन पर निर्भर है।

उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि

वर्ष 2018 में 6.3 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन था, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 13.3 लाख मीट्रिक टन हो गया।

यह वृद्धि दोगुने से भी अधिक है।

वर्ष 2022-23 की तुलना में पिछले तीन वर्षों में मत्स्य उत्पादन में 50% से अधिक वृद्धि हुई।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 26% की रिकॉर्ड वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।

वर्ष 2020 से अब तक 15,542 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है और ₹437.26 करोड़ का अनुदान वितरित किया गया।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

पूर्व की नीली क्रांति योजना के स्थान पर भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू की है। इसका उद्देश्य है:

उत्पादन में विविधीकरण और वृद्धि

भूमि एवं जल संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन

योजना की विशेषताएं:

केंद्र पोषित परियोजनाओं में 100% धनराशि केंद्र सरकार वहन करती है।

केंद्र पुरोनिधानित परियोजनाओं में 60% अंश केंद्र व 40% अंश राज्य सरकार देती है।

सामान्य वर्ग को 40% अनुदान, जबकि महिला एवं अनुसूचित जाति/जनजाति लाभार्थियों को 60% अनुदान प्रदान किया जाता है।

योजनांतर्गत उपलब्धियां

2210 हेक्टेयर तालाब, 282 रियरिंग इकाई, 1045 बायोफ्लॉक यूनिट,

67 मत्स्य बीज हैचरी, 1099 RAS इकाइयाँ, 1286 बैकयार्ड RAS,

100 जिंदा मछली विक्रय केंद्र, 935 केज, 155 फीड मिल,

04 मोबाइल लैब एवं 04 ऑर्नामेंटल रियरिंग यूनिट की स्थापना की गई।

लाभार्थियों को सीधा लाभ

वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक 11,654 लाभार्थी अनुदानित, कुल परियोजना लागत ₹1158.55 करोड़।

SC वर्ग: 1384 लाभार्थी – ₹47.86 करोड़

महिला: 4344 लाभार्थी – ₹222.40 करोड़

सामान्य वर्ग: 5926 लाभार्थी – ₹139.76 करोड़

कुल अनुदान राशि: ₹410.02 करोड़

वर्ष 2025-26 में 1650 नए लाभार्थियों का चयन हुआ है। इनके लिए कुल परियोजना लागत ₹73.90 करोड़ है तथा ₹50.00 करोड़ अनुदान स्वीकृत किया गया है।

अल्ट्रा मॉडल फिश मार्केट

जनपद चंदौली में ₹61.87 करोड़ लागत की अल्ट्रा मॉडल होलसेल फिश मार्केट की स्थापना की गई है, जिसमें ₹30 करोड़ केंद्रांश, ₹20 करोड़ राज्यांश और ₹11.87 करोड़ मंडी परिषद का अंश शामिल है।

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