स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। गन्ना और चीनी उत्पादन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गन्ना खेती और चीनी उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है। लगभग 46 लाख गन्ना किसान परिवारों की आजीविका का मुख्य साधन गन्ना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सरकार ने गन्ना किसानों को समय पर गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक ₹2,88,795.78 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है (43.67% वृद्धि)।
गन्ना उत्पादकता 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 83.25 टन/हेक्टेयर हो गई है।
गन्ना किसानों हेतु प्रमुख योजनाएं
1. स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट (SGK)
गन्ना सर्वेक्षण, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची निर्धारण व आपूर्ति की ऑनलाइन पारदर्शी व्यवस्था।
4.30 लाख फर्जी सट्टे बंद, 17.19 लाख नए किसान जुड़े।
तौल लिपिकों का ऑनलाइन लाटरी से स्थानांतरण, जिससे अनियमितताओं पर रोक।
2. फार्म मशीनरी बैंक
148 सहकारी गन्ना समितियों में स्थापना।
979 कृषि यंत्र व 78 ट्रैक्टर किसानों को कम किराये पर उपलब्ध।
पर्यावरणीय प्रदूषण रोकने व मृदा की उर्वरता बढ़ाने में सहायक।
3. भविष्य निधि ट्रस्ट सॉफ्टवेयर
गन्ना संघ व समिति कार्मिकों की PF व्यवस्था ऑनलाइन।
4. टोल-फ्री गन्ना किसान कॉल सेंटर
नंबर: 1800-121-3203
24×7 सहायता, अब तक 1.07 करोड़ शिकायतों का निस्तारण।
5. एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म व टैगिंग
गन्ना मूल्य भुगतान समय पर सुनिश्चित।
चीनी व उप-उत्पादों (शीरा, खोई, प्रेसमड) की बिक्री से 85% राशि टैग।
6. अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन
285 खाण्डसारी इकाइयों की स्थापना।
3 नई चीनी मिलों का निर्माण, 6 का पुनर्संचालन।
कुल 1,84,300 TCD क्षमता वृद्धि, जिससे रोजगार व ग्रामीण विकास को बढ़ावा।
7. सट्टा नीति में सुधार
सीमान्त किसान: 900 कु. से 1400 कु.
लघु किसान: 1800 कु. से 2800 कु.
सामान्य किसान: 4500 कु. से 7000 कु.
छोटे किसानों की सुविधा हेतु फसल क्रय की विशेष व्यवस्था।

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