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नैनो डीएपी से बीज शोधन कर बढ़ेगी पैदावार


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

जनपद शाहजहांपुर के पिटारमऊ साधन सहकारी समिति पर नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत कृषक गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर जिला सहकारी अधिकारी शिवरत्न लाल रहे।

गोष्ठी के प्रमुख बिंदु

  • रामरतन सिंह, क्षेत्र अधिकारी (इफको) ने किसानों को बताया कि गेहूं की बुवाई के समय दानेदार डीएपी की मात्रा 50% कम करके, एकड़ भर बीज को 500 एमएल नैनो डीएपी से उपचारित कर बोने से पैदावार बढ़ती है।
  • फसल 30–35 दिन की होने पर एक बॉटल नैनो डीएपी का स्प्रे करने से उपज में और वृद्धि होती है।
  • आलू के बीज को 10 एमएल नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करने से बीज का जमाव बेहतर होता है और किल्ले अधिक निकलते हैं।
  • दानेदार डीएपी के अधिक उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है और केमिकल खाद से उत्पन्न फसल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

सुझाव और जानकारी

  • किसानों को नैनो डीएपी को जैविक, सुरक्षित विकल्प के रूप में अपनाने की सलाह दी गई।
  • मुख्य अतिथि ने किसानों से इफको के उत्पादों के प्रयोग और सहकारी समिति के सदस्य बनने का आह्वान किया, ताकि उर्वरक की उपलब्धता में प्राथमिकता मिले।
  • अपर विकास अधिकारी विजय राज ने सदस्यता अभियान पर जानकारी दी।
  • एमडीई एक्वा एग्री के सचेंद्र वर्मा ने जैव उर्वरक के लाभ और उपयोग विधि समझाई।

यह कार्यक्रम किसानों को आधुनिक और पर्यावरण-संरक्षण आधारित खेती की ओर प्रोत्साहित करने हेतु आयोजित किया गया।

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