स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 15 अक्टूबर 2025: वित्तीय वर्ष 2025-26 में रबी फसलों की सुरक्षा और उत्पादन बढ़ाने के लिए जनपद में भूमिशोधन एवं बीजशोधन अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान शासन की मंशा के अनुरूप किसानों को कम लागत में फसल सुरक्षा के उपाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, फसल के पकने के समय कीट, रोग और व्याधियाँ अधिक नुकसान पहुँचाती हैं। यदि बीज और भूमि का शोधन पहले ही कर लिया जाए तो रसायनों का कम प्रयोग करके फसल को सुरक्षित किया जा सकता है।
भूमिशोधन की प्रक्रिया:
- रसायनिक विधि: कारटाप हाइड्रोक्लाइड 18 किग्रा प्रति हेक्टेयर।
- जैविक विधि: ट्राइकोडर्मा 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर + 65-75 किग्रा गोबर की खाद।
- 8-10 दिन तक छाया में रखने के बाद अंतिम जुताई में भूमि में मिला दें।
- इससे जड़ गलन, तना सड़न, उकठा, झुलसा जैसी बीमारियों का नियंत्रण होता है।
- कीट नियंत्रण के लिए ब्यूवेरिया बैसियाना 1% WP, 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर, 65-75 किग्रा गोबर की खाद में मिलाकर 8-10 दिन छाया में रखें।
बीजशोधन की प्रक्रिया:
- रसायनिक विधि: बुवाई से पहले थीरम 75% DS 2.5 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 50% WP 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज।
- जैविक विधि: ट्राइकोडर्मा 4-5 ग्राम प्रति किग्रा बीज।
- इससे बीज जनित रोग जैसे बीज गलन और उकठा नियंत्रित होते हैं।
अनुदान और उपलब्धता:
- सभी रसायन 75% अनुदान पर उपलब्ध।
- कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 50% अनुदान पर।
- यह सभी कृषि रक्षा इकाइयों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
- लाभार्थियों को अनुदान DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगा।
जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएँ और अपनी फसलों की सुरक्षा हेतु बीज एवं भूमिशोधन का समय पर प्रयोग करें।
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