स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहाँपुर, 15 जुलाई 2025 — सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश में कार्यालय प्रमुख अभियंता लखनऊ द्वारा सहायक अभियंता श्रीमती नेहा वर्मा को शारदा नहर खंड शाहजहांपुर (तृतीय उपखंड) से रायबरेली खंड (दक्षिण) स्थानांतरित किए जाने का आदेश 13 जून 2025 को जारी किया गया था, लेकिन महीना बीतने को है, अब तक श्रीमती वर्मा ने अपने पद से कार्यभार नहीं छोड़ा है।
राजेश कुमार को सौंपा गया है कार्यभार, लेकिन...
मुख्य अभियंता (रुहेलखंड) द्वारा श्री राजेश कुमार, सहायक अभियंता (सम्बद्ध), बाढ़ खंड बदायूँ को तृतीय उपखंड शारदा नहर, शाहजहाँपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद नेहा वर्मा द्वारा राजेश कुमार को चार्ज न देना विभागीय अनुशासन की अवहेलना मानी जा रही है।
चार्ज लेने पहुंचे थे राजेश कुमार, फिर भी टालमटोल
सूत्रों के अनुसार 14 जुलाई 2025 को राजेश कुमार चार्ज लेने पहुंचे, लेकिन श्रीमती नेहा वर्मा द्वारा चार्ज देने से इनकार कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम से विभाग में भ्रांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है और कार्य प्रभावित हो रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- स्थानांतरण आदेश 13 जून 2025 को जारी किया गया।
- श्रीमती नेहा वर्मा को रायबरेली खंड (दक्षिण) भेजा गया।
- राजेश कुमार को शाहजहांपुर तृतीय उपखंड का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।
- चार्ज लेने के लिए नियमानुसार संपर्क किया गया लेकिन नेहा वर्मा ने कार्यभार नहीं सौंपा।
क्या कहते हैं नियम?
उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा नियमों के अनुसार, किसी भी स्थानांतरण आदेश के जारी होने के बाद संबंधित अधिकारी को निर्धारित समय के भीतर कार्यमुक्त होकर नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होता है। ऐसा न करना अनुशासनहीनता व आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है।
अब आगे क्या?
अगर यह स्थिति यूं ही बनी रही, तो संबंधित अधिकारी पर विभागीय कार्यवाही, स्थानांतरण आदेश की अवमानना, और कदाचार जैसी गंभीर धाराओं में कार्यवाही तय मानी जा रही है। विभाग के उच्च अधिकारी अब इस मामले पर कठोर रुख अपनाने की तैयारी में हैं।
क्या यह नियमों का खुला उल्लंघन नहीं?
बड़ा सवाल यह है कि जब प्रमुख अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता तक सभी आदेश पारित कर चुके हैं, तो एक अधिकारी कैसे उच्चाधिकारियों के आदेश को अनदेखा कर सकती है? क्या विभागीय अनुशासन सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है?
संपर्क में बने रहें — "सच की आवाज़" इस प्रकरण पर आगे भी अपडेट देता रहेगा।
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