स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने आज चुनाव न लड़ने वाले पंजीकृत राजनीतिक दलों की सुनवाई की
🔹 प्रदेश के पते पर पंजीकृत 121 राजनीतिक दलों को विगत छह वर्षों से लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में प्रतिभाग न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
🔹 सुनवाई के लिए 02 एवं 03 सितम्बर को कुल 121 दलों को बुलाया गया, जिनमें से 55 दलों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए और उन्होंने अपना पक्ष रखा।
🔹 केवल 03 सितम्बर की कार्यवाही में 51 दलों को बुलाया गया था, जिनमें से 17 दलों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सुनवाई के दौरान प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरण जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का परीक्षण किया। साथ ही सभी दलों से मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, ईमेल व वर्तमान पते को अद्यतन रखने के निर्देश दिए।
👉 उन्होंने स्पष्ट किया कि –
प्रत्येक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अंशदान रिपोर्ट तथा 31 अक्टूबर तक आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य है।
लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिन एवं विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिन के भीतर व्यय का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
20,000 रुपये से अधिक के अंशदान का विवरण देना अनिवार्य है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी दल समय से आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराएँ और पार्टी का ईमेल, मोबाइल नंबर व पता अपडेट रखें, ताकि आयोग के निर्देश समय पर प्राप्त हो सकें।
आज की सुनवाई में उपस्थित दल
गदर पार्टी (प्रतापगढ़), नवचेतना पार्टी (मैनपुरी), नवीन समाजवादी दल (प्रयागराज), निस्वार्थ सेवा राष्ट्र सेवा पार्टी (प्रयागराज), पूर्वांचल क्रांति पार्टी (जौनपुर), राष्ट्रवादी इंसान पार्टी (प्रयागराज), राष्ट्रवादी समाज पार्टी (कानपुर नगर), राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी (प्रयागराज), आम जन क्रांति पार्टी (इटावा), राष्ट्रीय लोकतंत्र दल (हापुड़), राष्ट्रीय मानव विकास पार्टी (अमरोहा), सामूहिक एकता पार्टी (कानपुर नगर), सर्वप्रिय समाज पार्टी (इटावा), सत्य शिखर पार्टी (अयोध्या), यूथ सोशलिस्ट पार्टी (मुरादाबाद), युवा अनुभव पार्टी (गोरखपुर), भारतीय युवा स्वाभिमान पार्टी (औरैया) के पदाधिकारी शामिल हुए।
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