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खबर छापोगे तो देख लेंगे – ग्राम प्रधान की पत्रकार को खुली धमकी, पंचायत घर की सुविधाएं प्रधान के घर!

📰 स्टेट ब्यूरो हेड : योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर।
जनपद में ग्राम पंचायत स्तर की अव्यवस्थाएं और प्रधानों की मनमानी अब खुलेआम सामने आने लगी हैं। पंचायत घर ग्रामीणों के लिए बने हैं, लेकिन ज्यादातर पंचायत घर बंद पड़े रहते हैं और उनकी सुविधाएं प्रधान के घर पर चलती हैं।

ढकिया बुजुर्ग गांव का मामला
पुवायां ब्लॉक की ग्राम पंचायत ढकिया बुजुर्ग में ग्रामीणों ने पत्रकारों से साफ कहा कि पंचायत घर कभी-कभार ही खुलता है। न सफाई कर्मचारी नियमित आते हैं, न ही ग्राम पंचायत अधिकारी और सहायक बैठते हैं। कंप्यूटर सिस्टम और कुर्सियां तक प्रधान के घर पर रखी गई हैं।

पत्रकार को धमकी
जैसे ही कवरेज की भनक प्रधान को लगी, उन्होंने पत्रकार को फोन कर धमकाया और कहा –
👉 “आजकल अखबारों में खबर छपने से कुछ नहीं होता… और अगर खबर छापी तो तुम्हें देख लेंगे।”

यह बयान न सिर्फ पत्रकारों की सुरक्षा पर हमला है बल्कि ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार और निरंकुशता को भी उजागर करता है।

ADM भी मान चुके हैं लापरवाही
कुछ दिन पहले अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार, जिनके पास जिला पंचायत राज अधिकारी का चार्ज भी है, ने भावलखेड़ा ब्लॉक के चकभिठारा गांव का औचक निरीक्षण किया था। वहां भी पंचायत घर बंद मिला और सुविधाएं प्रधान के घर। ADM ने प्रधान और अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और व्यवस्थाएं सुधारने के आदेश दिए थे। लेकिन सवाल है –
👉 क्या हर गांव में जाकर ADM को ही फटकार लगानी होगी?
👉 आखिर जिम्मेदार ग्राम पंचायत अधिकारी और कर्मचारी कहां हैं?

प्रशासन की चुप्पी
इस मामले में पुवायां खंड विकास अधिकारी और ADM (कार्यवाहक जिला पंचायत राज अधिकारी) से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया।

नतीजा साफ है –
👉 पंचायत स्तर पर मनमानी जारी है।
👉 ग्रामीण सुविधाओं से वंचित हैं।
👉 पत्रकारों को सच दिखाने पर धमकियां मिल रही हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इस मामले में कड़ा कदम उठाएगा या फिर ग्राम प्रधानों की यह सोच सही साबित होगी कि “खबर छपने से कुछ नहीं होता…”


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