स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहांपुर।
भारत को 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने के राष्ट्रीय संकल्प को मजबूत करते हुए पेस संस्था ने घोषणा की है कि वह केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान’ में जिला प्रशासन और सभी विभागों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी। संस्था लंबे समय से जिले में बाल विवाह के उन्मूलन के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है।
हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने नई दिल्ली में इस विशेष अभियान की शुरुआत की। यह अभियान बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले सामाजिक परिवेश और कुरीतियों को खत्म करने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिशा में हो रही प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा है कि लगातार प्रयासों के चलते भारत तेजी से बाल विवाह मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि इस 100 दिवसीय अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभाग—स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, स्कूली शिक्षा, और उच्च शिक्षा—सक्रिय रूप से जुड़ें।
इस बीच, पेस संस्था की सचिव राजविंदर कौर ने जिला प्रशासन की पहल की सराहना करते हुए कहा,
“जिले में बाल विवाह रोकने के प्रयास लगातार मजबूत हुए हैं। प्रशासन के सहयोग और समन्वय से ही हम इस दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर पा रहे हैं। पूरा देश आज एकजुट है और 2030 से पहले ही बाल विवाह मुक्त भारत बनाना संभव दिखाई दे रहा है।”
पेस संस्था, देशभर में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का हिस्सा है, जिसमें 250 से अधिक संगठन बाल विवाह उन्मूलन के लिए सक्रिय हैं।
अभियान की रणनीति तीन चरणों में विभाजित
- पहला चरण: स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में जागरूकता।
- दूसरा चरण: मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे, बैंक्वेट हॉल, बैंड और हलवाई जैसे विवाह से जुड़े सेवा प्रदाताओं को शामिल करना।
- तीसरा चरण: ग्राम पंचायतों, नगरपालिका वार्डों और समुदाय स्तर पर सहभागिता व जिम्मेदारी को मजबूत करना।
यह अभियान 8 मार्च 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर समाप्त होगा।
पेस संस्था का कहना है कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, और शाहजहांपुर इस बड़े परिवर्तन का सक्रिय हिस्सा बनेगा।

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