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अर्थ ओवरशूट दिवस पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर शाहजहाँपुर में हुई विशेष कार्यशाला, जिला गंगा समिति एवं GIZ के तत्वावधान में गंगा सभागार में हुआ आयोजन

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहाँपुर। जिला गंगा समिति एवं जी.आई.जेड. (GIZ) के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को वन विभाग के गंगा सभागार में अर्थ ओवरशूट डे (Earth Overshoot Day) के अवसर पर एक विस्तृत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु संतुलन और जिला गंगा योजना के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन (उत्तर प्रदेश) की यूनिट हेड सोनालिका सिंह ने कहा, "यदि हम प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान नहीं करेंगे, तो प्रकृति हमें ही समाप्त कर देगी। हमें अपने संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना होगा।"

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उपायुक्त श्रम एवं रोजगार मनरेगा यशोवर्धन सिंह ने नदी संरक्षण एवं पुनरोद्धार पर बल देते हुए "नमामि गंगे अभियान" को एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल बताया।

जी.आई.जेड. के जल संसाधन विशेषज्ञ श्री अविरल सक्सेना ने जिला गंगा योजना के अंतर्गत चिन्हित मुख्य बिंदुओं जैसे जैविक एवं प्राकृतिक कृषि, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, आद्रभूमि प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, औद्योगिक प्रदूषण, गंगा ग्राम विकास, जल निकासी व तालाब संरक्षण आदि पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों से योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सहयोग की अपेक्षा जताई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभागीय वन अधिकारी/सचिव, जिला गंगा समिति, शाहजहाँपुर श्री विनोद कुमार ने कहा कि "मनुष्य द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन पर्यावरणीय असंतुलन का मुख्य कारण बन चुका है। अर्थ ओवरशूट डे हमें आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की अहमियत का बोध कराता है।"

जिला परियोजना अधिकारी डॉ. विनय कुमार सक्सेना ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।

कार्यशाला में जिला युवा अधिकारी मयंक भदौरिया, अधिशासी अधिकारी कांट नूर जहां, तिलहर के अधिशासी अधिकारी सतेन्द्र प्रकाश, जल निगम के सहायक अभियंता विनय शाक्य, लघु सिंचाई विभाग, नगर निकायों के नोडल अधिकारी, गंगा ग्रामों के सचिव और ग्राम विकास अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

गंगा विचार मंच से राकेश कुमार पाण्डेय ने जैविक उत्पाद भेंट कर कार्यक्रम की सराहना की। वहीं डा. रूपक श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा अनुदानित अपनी पुस्तक "कोरोना व विकास की ज्योति" भेंट कर अतिथियों का आभार जताया।

कार्यक्रम में गंगा समग्र, लोक भारती, मानवता वेलफेयर सोसाइटी, युवा सर्व कल्याण समिति उत्तर प्रदेश सहित कई स्वयंसेवी संगठनों ने सक्रिय भागीदारी की और कार्यक्रम को सफल बनाया।

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