स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहांपुर, 08 सितंबर। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में खरीफ फसल अवशेष, विशेषकर धान की पराली प्रबंधन व प्रदूषण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने पराली जलाने की घटनाओं की समीक्षा कर स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी कंबाइन मशीन बिना आधुनिक एसएमएस यंत्र के संचालित नहीं होगी। यदि किसी मशीन स्वामी द्वारा इस नियम का उल्लंघन किया गया तो उसकी मशीन तत्काल जब्त कर ली जाएगी।
जिलाधिकारी ने किसानों को चेतावनी दी कि –
- पराली जलाने वाले किसानों की गन्ने की पर्ची सट्टे निरस्त कर दी जाएगी।
- सरकारी क्रय केंद्र पर धान की बिक्री नहीं कर पाएंगे।
- ऐसे किसानों को सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गांववार ड्यूटी लगाई जाएगी, रात्रि चौपाल आयोजित होगी और किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों व जुर्माने की जानकारी दी जाएगी। साथ ही खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे ब्लॉकवार लक्ष्य तय कर गौशालाओं तक पराली पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जागरूकता अभियान के तहत विद्यालयों में हर सप्ताह प्रार्थना सभा में पराली जलाने के कुप्रभाव और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर चर्चा की जाएगी, ताकि बच्चे अपने घरों तक यह संदेश ले जाएं। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण बैठकों में प्रधानों के सहयोग से भी किसानों को नीति व दंडात्मक कार्यवाही की जानकारी दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है। पुवायां और सदर तहसील में विशेष रूप से कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में पराली जलने की घटनाएं अधिक दर्ज होती हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा –
👉 “इस बार खरीफ फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त करना है। अधिकारी किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतें और किसानों को पराली के वैकल्पिक उपयोग जैसे पशु आहार, खाद निर्माण व ऊर्जा उत्पादन से जोड़ें।”
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